नई दिल्ली। दुष्कर्म के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने इलाहाबाद के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें उन्हें पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों की कॉपी देने को कहा गया था। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
Supreme Court sets aside the Allahabad High Court order that allowed rape accused former BJP leader Swami Chinmayanand to access a certified copy of the statement recorded by Shahjahanpur law student pic.twitter.com/Myl80QhJ4f
— ANI (@ANI) October 8, 2020
बता दें कि पिछले साल सितंबर में यौन शोषण के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद को मुमुक्ष आश्रम से गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी की टीम ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर चिन्मयानंद को आश्रम से गिरफ्तार किया था। हालांकि इस साल फरवरी में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। पूर्व भाजपा नेता पर उनके ही कॉलेज में पढ़ने वाली कानून की एक छात्रा ने दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय विशेष पीठ गठित करवा कर पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था।
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24 अगस्त से शुरू हुआ था मामला
24 अगस्त, 2019 को फेसबुक पर छात्रा ने एक वीडियो अपलोड किया था। वीडियो में नाम लिए बिना छात्रा ने अपने साथ हुए यौन शोषण और दुराचार की बात कही थी। पीड़िता ने कहा था कि उसे और उसके परिवार को एक बड़े संत से खतरा है। छात्रा ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई थी। वीडियो अपलोड होने के बाद हड़कंप मच गया था। वहीं छात्रा के पिता ने मुमुक्षु आश्रम के स्वामी चिन्मयानंद पर बेटी के साथ दुराचार और अपहरण करने का आरोप लगाया था।
केस का जानें फैक्ट फाइल
- 4700 पन्नों में दर्ज है दो केसों की पूरी हकीकत
- 60 दिन में एसआईटी ने पूरी की दो मुकदमों की विवेचना
- 105 लोगों के बयान दर्ज किए एसआईटी ने दोनों केस में
- 20 भौतिक साक्ष्य दोनों मामलों में एसआईटी ने जुटाए हैं
- 55 अभिलेखीय साक्ष्य एकत्रित किए है एसआईटी टीम ने
- 20-20 पन्नों में तैयार किया गया कोर्ट की सुविधा को विवरण