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स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से दिया इस्तीफा, यूपी में सियासी हलचल तेज

Swami Prasad Maurya

Swami Prasad Maurya

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य  (Swami Prasad Maurya) के त्यागपत्र ने यूपी की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने एक्स अकाउंट पर त्यागपत्र को साझा करते हुए संज्ञानार्थ लिखा है और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) व समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को टैग किया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दिया है, लेकिन उन्होंने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा है। इसको लेकर उन्होंने लिखा भी है कि ‘पद के बिना भी पार्टी को सशक्त बनाने के लिए मैं तत्पर रहू़ंगा’। स्वामी प्रसाद मौर्य ने त्यागपत्र में लिखा कि जबसे में समाजवादी पार्टी में सम्मिलित हुआ, लगातार जनाधार बढ़ाने की कोशिश की। सपा में शामिल होने के दिन ही मैंने नारा दिया था “पच्चासी तो हमारा है, 15 में भी बंटवारा है”।

हमारे महापुरूषों ने भी इसी तरह की लाइन खींची थी। भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर आंबेडकर ने “बहुजन हिताय बहुजन सुखाय” की बात की तो डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा कि “सोशलिस्टो ने बांधी गांठ, पिछड़ा पावे सो में साठ”, शहीद जगदेव बाबू कुशवाहा व मा. रामस्वरूप वर्मा जी ने कहा था “सौ में नब्बे शोषित हैं, नब्बे भाग हमारा है”, इसी प्रकार सामाजिक परिवर्तन के महानायक काशीराम साहब का भी वही था नारा “85 बनाम 15 का”।

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किंतु पार्टी द्वारा लगातार इस नारे को निष्प्रभावी करने एवं वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सैकड़ों प्रत्याशियों का पर्चा व सिंबल दाखिल होने के बाद अचानक प्रत्याशियों के बदलने के बावजूद भी पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सफल रहे, उसी का परिणाम या कि सपा के पास जहां मात्र 45 विधायक थे वहीं पर विधानसभा चुनाव 2022 के बाद यह संख्या 110 विधायकों की हो गई थी। तद्नतर बिना किसी मांग के आपने मुझे विधान परिषद् में भेजा और ठीक इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव बनाया, इस सम्मान के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।

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