Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

यूपी बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर स्वतंत्रदेव के दो साल पूरे, जानें अबतक का सफर

Swatantradev

Swatantradev

उत्‍तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का दो साल का कार्यकाल राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच आज पूरा हो गया है। तत्कालीन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार (परिवहन मंत्री) स्वतंत्र देव सिंह को 16 जुलाई 2019 को पार्टी का यूपी प्रदेश अध्यक्ष बनाने की घोषणा हुई थी।

जबकि उन्‍होंने 19 जुलाई को अपना पदभार गृहण किया था। राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने अपना 2 साल का कार्यकाल पूरी दमदारी से पूरा कर लिया है। हालांकि उनके सामने असली और सबसे बड़ी चुनौती अगले साले होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव हैं।

हालांकि इन दो सालों में कोरोना की चुनौतियों के साथ-साथ विधानसभा उपचुनाव और पंचायत के चुनाव में स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में पार्टी ने हर मोर्चे पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। सिंह के 19 जुलाई 2019 को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पदभार लेते ही अक्टूबर 2019 में विधानसभा की 11 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 9 सीटें जीती थीं। वहीं, नवंबर 2020 में हुए 7 सीटों पर उपचुनाव में भाजपा ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इतना ही नहीं, यूपी विधान परिषद की शिक्षक स्नातक क्षेत्र की 12 सीटों के चुनाव में भी भाजपा ने 9 सीटें जीती थीं।

मानसून सत्र: विपक्ष के हंगामे के बीच PM मोदी ने कराया नए मंत्रियों का परिचय

पंचायत चुनाव में दिखा प्रदेश अध्‍यक्ष का दम

इतना ही नहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने संगठन के तौर पर अपने सबसे बड़े टेस्ट यानी पंचायत चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की। सरकार और संगठन के समन्वय से जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी की झोली में 75 में से 67 सीटें आयीं, तो वहीं ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भाजपा ने 648 सीटों पर अपना कब्जा जमाकर दम दिखाया है। बता दें कि यूपी की सियासत में पहली बार भाजपा ने जिला पंचायत अध्‍यक्ष और ब्‍लॉक प्रमुख चुनाव में रिकॉर्ड जीत दर्ज की है।

हालांकि इस बीच पंचायत चुनाव के बाद यूपी से लेकर दिल्ली तक संगठन और सरकार में बदलाव की खबरों ने खूब चर्चा बटोरीं, लेकिन स्वतंत्र देव सिंह की कुर्सी पर कोई आंच नहींं आयी।

सामने है ये बड़ी चुनौती

कई चुनौतियों को पार करते हुए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अपना दो साल कार्यकाल पूरा कर लिया है, लेकिन उनके सामने अब चुनौती के तौर पर विधान परिषद में स्थानीय निकाय के 35 सीटों पर होने वाले चुनाव हैं। जबकि यूपी भाजपा अध्‍यक्ष की सबसे बड़ी अग्नि परिक्षा 2022 के विधानसभा चुनाव होंगे।

Exit mobile version