इंस्टेंट फूड डिलीवरी ऐप स्विगी-जोमैटो (Swiggy-Zomato) की मुसीबतें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। हाल ही में स्विगी-जोमैटो को 5 सौ करोड़ का GST नोटिस मिला है। दरअसल, स्विगी-जोमैटो (Swiggy-Zomato) ग्राहकों से डिलीवरी फीस के नाम कुछ पैसे वसूलते हैं। अब इस पैसे को लेकर अक्सर टैक्स अधिकारी और फूड डिलीवरी ऐप के बीच तनातनी बनी रहती है। इस डिलीवरी फीस के मामले में करीब 1000 करोड़ रुपये दांव पर हैं। आइए समझाते हैं क्या है पूरा डिलीवरी चार्ज और टैक्स अधिकारियों के बीच का ये मामला…
ये है पूरा मामला
फूड एग्रीगेटर्स ज़ोमैटो और स्विगी (Swiggy-Zomato) का कहना है कि ‘डिलीवरी चार्ज’ कुछ और नहीं बल्कि डिलीवरी पार्टनर्स द्वारा वहन की जाने वाली लागत है जो घर-घर खाना डिलीवरी करने के लिए जाते हैं। कंपनियां बस ग्राहकों से वह लागत वसूलती हैं और डिलीवरी पार्टनर्स को दे देती हैं। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक, टैक्स अधिकारी इस बात से सहमत नहीं हैं। वहीं, इस मामले में दांव पर करीब 1000 करोड़ रुपये है।
दोनों को मिला इतने का नोटिस
सूत्रों के मुताबिक, जोमैटो और स्विगी को GST अधिकारियों से 500-500 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है। टैक्स अधिकारियों को लगता है कि स्विगी जोमैटो (Swiggy-Zomato) इस डिलीवरी फीस को इकट्ठा करते हैं और अपना रेवेन्यू जेनेरेट करते हैं।
Sam Altman की OpenAI में री-एंट्री, इस वजह से कंपनी ने लिया यू-टर्न
सूत्रों का कहना है कि दोनों प्रमुख खिलाड़ियों में से प्रत्येक को 500 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया है, जो ज़ोमैटो और स्विगी द्वारा डिलीवरी शुल्क के रूप में एकत्र की गई संचयी राशि पर लगाया गया 18% टैक्स है, जब से उन्होंने अपने ग्राहकों को फूड डिलीवरी की पेशकश शुरू की है। इस मामले में जब इकोनॉमिक टाइम्स ने स्विगी-जोमैटो से सवाल किया तो उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है।