शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) का हिंदू धर्म में धार्मिक महत्व है। इस दिन धार्मिक कार्य जैसे दान-पुण्य, पूजा-पाठ और स्नान आदि अत्यंत शुभ माने गए हैं। आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा या आश्विन पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्तूबर 2024 को है। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के साथ चंद्र देव की पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ चमकता है और इससे अमृत वर्षा होती है।
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) स्नान व दान का समय-
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) का स्नान व दान 16 अक्तूबर को ही किया जाएगा। इस दिन ही व्रत रखा जाएगा। शरद पूर्णिमा के दिन स्नान व दान का शुभ मुहूर्त सुबह 04 बजकर 42 मिनट से सुबह 05 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। अगर किसी कारणवश आप इस दौरान स्नान व दान नहीं कर पाते हैं तो राहुकाल व भद्रा को छोड़कर किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं।
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन राहुकाल व भद्रा का समय- शरद पूर्णिमा के दिन राहुकाल दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। भद्रा रात 08 बजकर 40 मिनट से 17 अक्तूबर को सुबह 06 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन चंद्रोदय का समय- शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा निकलने का समय शाम 05 बजकर 04 मिनट है।
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) लक्ष्मी पूजन मुहूर्त-
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीष देती हैं।
जानें शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन लक्ष्मी पूजन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त-
1. लाभ – उन्नति: 06:22 ए एम से 07:48 ए एम
2. अमृत – सर्वोत्तम: 07:48 ए एम से 09:14 ए एम
3. शुभ – उत्तम: 10:40 ए एम से 12:05 पी एम
4. लाभ – उन्नति: 04:23 पी एम से 05:49 पी एम
5. शुभ – उत्तम: 07:23 पी एम से 08:58 पी एम
6. अमृत – सर्वोत्तम: 08:58 पी एम से 10:32 पी एम