साल के सबसे शुभ समय में से एक है पूर्णिमा तिथि। यह 23 अप्रैल 2024 को पूरे देश में बहुत भव्यता के साथ मनाई जाती है। चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) , गुड़ी पड़वा और चैत्र नवरात्र के बाद आती है। इस दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसे चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है। आइए, जानें इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।
चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) स्नान शुभ मुहूर्त
चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) पर अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.53 बजे से दोपहर 12.46 बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजा करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा स्नान और दान का शुभ समय सुबह 4.52 बजे से 6.05 बजे तक है। चंद्रमा की पूजा का समय 06:52 बजे है। यहां दिए गए समय के अनुसार अपना पूजा अनुष्ठान कर सकते हैं।
पूर्णिमा व्रत के लाभ
पूर्णिमा (Chaitra Purnima) का व्रत करने से कई सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। इस पवित्र पूर्णिमा व्रत से भक्त की सहनशक्ति भी बढ़ती है। इससे मन और शरीर को आराम को शांति मिलती है। इसके अलावा इस व्रत के प्रभाव से घर में सुख-शांति आती है। यही कारण है कि प्राचीन काल से ही लोग इस व्रत को करते आ रहे हैं। हालांकि, व्रत रखने वालों को कोशिश करनी चाहिए कि मसालेदार चीजें न खाएं और जितना हो सके पूजा-पाठ पर ध्यान दें।
गंगा स्नान करते समय इस मंत्र का करें जाप
”गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स: गच्छति॥”
भगवान विष्णु ध्यान मंत्र
”यस्य स्मरणमात्रेण जन्मसंसारबन्धनात्। विमुच्यते नमस्तस्मै विष्णवे प्रभविष्णवे।।”