भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में गुरु पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व माना गया है। पंचांग की मानें तो गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पर्व आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन महर्षि व्यास जी का जन्म हुआ था। महर्षि वेदव्यास ने वेदों का संकलन और महाभारत की रचना की थी। इस दिन गुरु की पूजा करने से जीवन में ज्ञान और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रद्धालु अपने गुरु के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। गुरु शिष्य को सही दिशा दिखाने वाले, अज्ञानता का नाश करने वाले और ज्ञान की रोशनी फैलाने वाले होते हैं। इस दिन हम सभी को अपने गुरु का सम्मान करते हुए उनके द्वारा दिए गए उपदेशों को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन लोग सोशल मीडिया पर भी गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) से जुड़ी पोस्ट और संदेशों को शेयर कर रहे हैं। आप भी इन संदेशों के जरिए गुरु पूर्णिमा की बधाई दे सकते हैं।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥
गुरु ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं, वह साक्षात् परब्रह्म हैं, उन श्री गुरु को प्रणाम।-गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) की शुभकामनाएं
गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरु आपने। गोबिंद दियो बताय॥
गुरु और गोविंद, मतलब भगवान और गुरु एक साथ खड़े हों तो किसके चरणपहले छूनेचाहिए – गुरु को अथवा गोविंद को? ऐसी स्थिति में गुरु के श्रीचरणों में शीश झुकाना उत्तम है जिनके कारण गोविन्द का दर्शन करने लायक हम बन पाते हैं। -गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) की शुभकामनाएं
अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥”
जो समस्त जगत में व्याप्त है, उस परमात्मा तक पहुंचाने वाले गुरु को नमन।-गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) की शुभकामनाएं
विद्यां ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम्।
पात्रत्वाद्धनमाप्नोति धनाद्धर्मं ततः सुखम्॥
गुरु विद्या देते हैं, विद्या से विनय आती है, विनय से योग्यता, योग्यता से धन और धन से धर्म व सुख मिलता है। -गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) की शुभकामनाएं