तालिबान की सरकार आने के बाद जिन चीजों का डर था, वह सब होना शुरू हो चुका है। ताजा जानकारी के मुताबिक, महिला मामलों के मंत्रालय में महिला कर्मचारियों को ही जाने से रोक दिया है। वहां सिर्फ पुरुषों को काम करने की इजाजत दी गई है।
तालिबान ने कुछ दिन पहले ही ऐलान किया था कि जिस दफ्तर में पुरुष कर्मचारी काम करते होंगे, वहां महिलाएं काम नहीं कर सकेंगी।
रूस की न्यूज एजेंसी Sputnik की खबर में दावा किया गया है कि तालिबान के कुछ प्रतिनिधियों ने महिला मामलों के मंत्रालय में महिला कर्मचारियों को ही जाने से रोक दिया। एक कर्मचारी ने ही न्यूज एजेंसी को इसकी जानकारी दी। बताया गया कि चार महिला कर्मचारियों को अंदर नहीं जाने दिया गया। इसके खिलाफ महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया।
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तालिबान राज के बाद से ही आशंका थी कि महिलाओं के प्रति उसका व्यवहार ठीक नहीं होगा। यहां तक कि तालिबान ने जिस सरकार का गठन किया है उसमें एक भी महिला शामिल नहीं है। इसपर सवाल पूछने पर तालिबान के प्रवक्ता ने मीडिया के सामने यह तक कह दिया था कि महिलाएं मंत्री नहीं बन सकती, वे सिर्फ बच्चे पैदा करें।
कई ऐसी महिलाएं हैं जो तालिबान द्वारा महिलाओं पर की जाने वाली क्रूरता की गवाही देती हैं। तालिबान के कब्जे के बाद अफगान छोड़कर आईं शोधकर्ता और कार्यकर्ता हुमैरा रियाजी ने कहा था कि ‘वे महिलाओं को इंसान नहीं समझते।’