अफगानिस्तान में 85 फीसदी इलाके पर कब्जा हासिल कर चुके तालिबान ने अब पाकिस्तान में आतंकी हमला किया है। अंग्रेजी अखबार डॉन की खबर के मुताबिक, तालिबानी लड़ाकों ने मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पाकिस्तानी सेना के 11 सैनिकों की हत्या कर दी। तालिबान ने 4 पाकिस्तानी सैनिकों को अगवा भी कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (केपीके) में पाकिस्तानी सेना की थल-स्कॉउट्स के जवान पैट्रोलिंग कर रहे थे। उसी दौरान तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान (टीटीपी) के लड़ाकों ने उनपर हमला कर दिया। इस हमले में पाकिस्तानी सेना के बलूच रेजीमेंट के एक कैप्टन, अब्दुल बासित सहित 11 सैनिक मारे गए।
इस जानलेवा हमले के बाद गश्ती-दल के बाकी 4 सैनिकों ने तालिबान के सामने सरेंडर कर दिया। सरेंडर सैनिकों को तालिबानी लड़ाके अगवा करके अपने साथ ले गए हैं। देर शाम तक अगवा हुए पाकिस्तानी सैनिकों का कोई अता पता नहीं चला है।
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दरअसल, पाकिस्तान की थल-स्कॉउट की जिस पैट्रोलिंग-पार्टी पर हमला हुआ है, उसने तालिबान के कुछ लड़ाकों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से एक लड़ाके को गोली मार दी गई थी। इससे गुस्साएं तालिबान ने बदला लिया और थल स्कॉउट्स के 11 सैनिकों की हत्या कर दी।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत को पहले नार्थ-वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस यानी एनडब्लूएफपी के नाम से जाना जाता था। ये प्रांत अफगानिस्तान की डूरंड लाइन से सटा इलाका है। अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से लौटने और तालिबान के बढ़ते वर्चस्व से केपीके प्रांत में शरणार्थियों का तांता लग गया है। इसके अलावा यहां सक्रिय कबीले, कट्टरपंथी और आतंकी संगठन (टीटीपी, हक्कानी नेटवर्क) एक बार फिर से एक्टिव हो गए हैं। ऐसे में पाकिस्तान को ‘गुड तालिबान’ और ‘बैड तालिबान’ में फर्क करने में मुश्किल आ रही है।