अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार का गठन हो गया है। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के प्रधानमंत्री होंगे। अंतरिम सरकार में सिराज हक्कानी को आंतरिक मामलों का मंत्री बनाया गया है। वहीं, मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री बनाया गया है।
मुल्लाह हसन अखुंद कैबिनेट के हेड होंगे यानी वह तालिबानी सरकार में पीएम का पद संभालेंगे। अब्दुल गनी बरादर उप प्रधानमंत्री होंगे। खैरउल्लाह खैरख्वा को सूचना मंत्री का पद दिया गया है। अब्दुल हकीम को न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।
शेर अब्बास स्टानिकजई को डिप्टी विदेश मंत्री बनाया गया है। वहीं जबिउल्लाह मुजाहिद को सूचना मंत्रालय में डिप्टी मंत्री की कमान दी गई है। तालिबान ने सरकार में उन तालिबानी नेताओं को तवज्जो दी है जो 20 साल से अमेरिका समर्थित अफगानिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मांग थी कि गैर तालिबानियों को भी सरकार में शामिल किया जाए लेकिन यह मांग पूरी होती नहीं दिखी।
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बता दें कि बीते कुछ महीनों में अफगानिस्तान में हालात काफी तेजी से बदले हैं। अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा जमाया तो दूसरी तरफ 31 अगस्त को खत्म हो रही डेडलाइन के तहत अमेरिकी सेना अफगान धरती को छोड़कर अपने देश वापस लौट गई।
अफगानिस्तान में बदलते हालात के बीच तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी भी अफगानिस्तान छोड़कर भाग गए। तालिबानी सरकार के गठन से पहले दुनिया के कई देश इस बात की उम्मीद में थें कि तालिबान एक समावेशी सरकार का गठन करेगा। तालिबान खुद कई बार इस बात को दोहरा चुका है कि वह 20 साल पहले वाला तालिबान नहीं है, वह लोगों के अधिकारों को सम्मान देगा।
गौरतलब है कि तालिबान द्वारा लंबे वक्त से सरकार बनाने की तैयारी की जा रही थी। हालांकि, दो-तीन बार ऐलान टाल भी दिया गया था। माना जा रहा था कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के बीच सत्ता संघर्ष को लेकर कुछ विवाद चल रहा है। लेकिन अब तालिबान ने सरकार गठन का ऐलान कर दिया है।