काबुल। हिंसा और बंदूकों के बल पर सत्ता पर काबिज हुआ तालिबान (Taliban) सहमति और शांति जैसे शब्दों से नावाकिफ है। इसकी बानगी दो तालिबानी नेताओं के बीच मारपीट के तौर पर सामने आई है।
खबर के मुताबिक, तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्री शेख नेदा (Shaikh Nanda) और स्वतंत्र परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष शेख बाकी हक्कानी के बीच मारपीट हो गई। बताया जा रहा है कि परीक्षा पत्रों की मार्किंग को लेकर यह विवाद हुआ था, जिसमें शेख नेदा का हाथ टूट गया। इस बारे में स्थानीय पत्रकार बिलाल सरवारी ने ट्वीट कर लिखा कि कैबिनेट लेवल की मीटिंग में हाथापाई आम होती जा रही है।
पत्रकार के ट्वीट के मुताबिक, ‘तालिबान (Taliban) के उच्च शिक्षा मंत्री शेख नेदा और स्वतंत्र परीक्षा बोर्ड के चेयरमैन शेख बाकी हक्कानी बोर्ड के परीक्षा पत्रों की मार्किंग कर रहे थे। इसी दौरान दोनों में विवाद हो गया। इसमें शेख नेदा का हाथ टूट गया।’ दोनों नेताओं के बीच हाथापाई यह साफ दिखाती है कि तालिबानी नेताओं में आम सहमति और समन्वय की कमी है।
हिंसात्मक तरीके से सत्ता हथियाने वाले तालिबान को ये भान ही नहीं है कि सरकार और सत्ता चलाने के लिए बातचीत जैसी आसान व्यवस्था भी हो सकती है। तालिबानी शासन और सरकार अभी तक एक व्यवस्थागत ढांचा नहीं बना सकी है, लिहाजा ऐसे झगड़े आए दिन देखने को मिलते हैं।
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तालिबान (Taliban) अपनी क्रूर रणनीति के लिए जाना जाता है और यह घटना साफ दिखाती है कि उनके पास विवादों को हल करने के लिए हिंसा ही एकमात्र रास्ता है। इस प्रकरण से यह भी सवाल उठता है कि क्या तालिबान अपने वतन में शिक्षा जैसे जरूरी मुद्दे पर गंभीर है? बहरहाल इस घटना से यह बाहर आ गया है कि तालिबान के भीतर आपसी संघर्ष हो रहा है।