उत्तराखंड के तपोवन स्थित टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए और टनल में दाखिल होने के लिए अब अन्य रास्ते तलाशे जा रहे हैं। इस रस्ते के जरिये टनल के अंदर प्रवेश कर जो भी लोग टनल के अंदर फंसे हुए हैं, उनको बाहर निकालने का प्रयास किया जायेगा।
टनल के मुख्य द्वार से मलवा हटाने में देरी होने के बाद अब बीच में से रास्ता ढूंढने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए तपोवन प्रोजेक्ट के इंजीनियरों के साथ अधिकारियों ने मीटिंग की। और अब इंजीनियरों से तनल की कोई भी सॉफ्ट खोलने की तैयारी चल रही है। इस साफ्ट के जरिए पहले एसडीआरएफ या एनडीआरएफ के जवानों को टनल में उतारा जाएगा जो कि अंदर की स्थिति का जायजा लेंगे। और इसी साफ्ट के जरिये अंदर फसे लोगों को भी निकालने में मदद मिलेगी।
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घटना स्थल से लौटे डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि अब उनकी त्रासदी वाले इलाके में टीम तीन प्रकार से काम कर रही है, जिससे लोगों को राहत मिले। जिसमें पहला काम है टनल के अंदर फसे लोगों को जल्द से जल्द बहार निकलना. लेकिन टनल ढाई किमी की है और खबर लिखे जाने तक केवल 150 मीटर ही टनल से मलबा निकला गया है। और टनल में एक ही मशीन काम कर सकती है। और एक घंटे में केवल 10 मीटर तक ही मलबा निकाला जा रहा है।
जिसके चलते मुश्किलें सामने आ रही हैं। जबकि टनल पर 180 मीटर पर एक राइट बैंड भी है। लेकिन अब उनकी एक टीम साफ्ट के जरिये टनल में अंदर जाने का प्रयास करेगी, जिससे कुछ मदद मिलने की आशंका है। आशंका ये जताई जा रही है कि टनल में अभी भी 35 लोग फसे हैं।
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वहीं, डीजीपी अधोक कुमार का कहना है कि उनकी दूसरी टीम अब उन गांव तक रसद पहुंचा रही है जो गांव इलाके से कट गये हैं। इन गांवों में रास्ता न होने से इन गावं तक पहुंचने के लिए रिलीफ टीम ने जीप लाइन का तैयार कर दी है। जिससे अब इन गांवों में रसद सामग्री भेजने में सहायता मिल रही है। वहीं, तीसरी टीम अब सर्चिंग में लगी है।
अभी तक बताया जा रहा है कि 197 लोग अभी तक इस त्रासदी में मिसिंग हैं। लेकिन पुलिस को अभी तक 192 लोगों की ही डिटेल मिल पायी है, जिसमें से SDRF की टीम ने खबर लिखे जाने तक केवल 31 लोगों के ही शव बरामद किए हैं। इसमें से दो पुलिस के जवान भी शामिल हैं और अन्य लोगों कि तलास अब पुलिस लगातार कर रही है। SDRF को श्रीनगर तक शव मिले हैं। वहीं, डीजीपी ने बताया कि अब तक 31 शव बरामद हो चुके हैं, इनमें से 2 पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आपदा के कारण 13 गांव का संपर्क कट गया है, जहां रोप वे के सहारे सुरक्षाकर्मी व बाहर फंसे ग्रामीणों को राशन भी पहुंचाया जाएगा।