उप्र में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए अब औद्योगिक घराने भी सहयोग के लिए हाथ बढ़ाने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर टाटा और रिलायंस समूहों की ओर से ऑक्सीजन आपूर्ति का प्रस्ताव मिला है। इस प्रस्ताव पर योगी सरकार ने हरी झंडी दे दी है। अडानी समूह 300 जंबो सिलेंडर यूपी भेजने की तैयारी शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बढ़ती जा रही है। रुड़की, काशीपुर, मोदीनगर के साथ-साथ बोकारो आदि प्लांट से लगातार आपूर्ति हो रही है। एमएसएमई इकाइयों को भी सीधे अस्पतालों से लिंक कर आपूर्ति कराई जा रही है। टाटा और रिलायंस समूहों की ओर से भी प्रदेश को ऑक्सीजन आपूर्ति का प्रस्ताव मिला है। उन्होंने सभी जिलों के छोटे-बड़े अस्पतालों की स्थिति पर नजर रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों की संख्या बढ़ाने को लेकर विशेष प्रयास की जरूरत है। ऑक्सीजन टैंकर संचालन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाए।
रिलायंस फाउंडेशन कोविड मरीजों के लिए 875 बेड का करेगा संचालन
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में प्रदेश के अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं स्थगित हैं। ऐसे में टेलीकन्सल्टेशन को बढ़ावा दिया जाए। कोविड होम आइसोलेशन और नॉन कोविड मरीजों के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की सूची व संपर्क माध्यम का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। घर पर रहकर उपचार करा रहे मरीजों को लेकर भी सीएम योगी गंभीर हैं। उन्होंने ऐसे मरीजों से सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से हर दिन संवाद करने के लिए निर्देशित किया है। ऐसे मरीजों को स्वास्थ्य मंत्री के स्तर से मेडिकल किट वितरण व्यवस्था की जिलेवार समीक्षा की जाए और इस मामले में सीएमओ की जवाबदेही तय की जाए। कहाकि दवाओं का कोई अभाव नहीं है। अस्पतालों में इलाजरत मरीजों से हर दिन संवाद बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि जो मरीज निजी हॉस्पिटल में उपचार कराने में सक्षम नहीं है, उसे राज्य सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुमन्य दर पर उसका इलाज का भुगतान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंडलायुक्त तथा जिलाधिकारी शासन के सतत संपर्क में रहें। जनहित में कोई निर्णय लेने से पूर्व शासन को अवगत कराएं और कोरोना मरीजों को राहत देने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड से लड़ाई जीत चुके बहुत से लोग मरीजों की सेवा के इच्छुक हैं। ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इनकी जिलेवार सूची तैयार कराएं। कहाकि इनमें चिकित्सक, सैन्यकर्मी, पैरामेडिकल स्टाफ आदि हो सकते हैं। आवश्यकतानुसार अस्पतालों आदि में इनकी सेवाएं ली जाएं।
तृणमूल नेता सागीर हुसैन की मतदान के दिन मौत, कांग्रेस में छाई शोक की लहर
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया है कि रेमेडेसीवीर जैसी किसी भी जीवनरक्षक दवा का प्रदेश में अभाव नहीं है। हर दिन इसकी आपूर्ति बढ़ रही है। जिलों की मांग को देखते हुए रेमेडेसीवीर के पर्याप्त वॉयल उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में यह इंजेक्शन निःशुल्क उपलब्ध है, जरूरत होगी तो निजी अस्पतालों को भी तय दरों पर रेमेडेसीवीर मुहैया कराई जाए। इसके साथ-साथ इसकी कालाबाजारी पर पुलिस लगातार नजर रखे। उन्होंने बताया कि विगत 24 घंटों में प्रदेश में 26,719 लोग उपचारित होकर डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेश में अब तक 8.04 लाख से अधिक लोग कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग, हो सकता है बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंटीग्रेटेड कमांड एन्ड कंट्रोल सेंटर से मरीज को जो अस्पताल आवंटित किया गया है, वहां उसे एडमिट करना अनिवार्य है। जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें, अन्यथा की दशा में जिम्मेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी मॉनिटरिंग करे।