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करदाता को किसी दफ्तर या अफसर के सामने पेश होने की जरूरत नहीं : फेसलेस

नई दिल्ली। देश में शुक्रवार से आयकर मामलों में फेसलेस अपील की व्यवस्था शुरू हो गई है। अब अपील करने और सुनवाई में शामिल होने के लिए करदाता को किसी भी दफ्तर में जाने या किसी भी अधिकारी के सामने पेश होने की जरूरत नहीं होगी। पिछले ही महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में फेसलेस असेसमेंट सिस्टम लांच किया था।

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इस नई व्यवस्था में टैक्स तय करने में पैदा विवादों की अपील फेसलेस तरीके से करनी संभव हो सकेगी। इसके जरिए मामलों की सुनवाई किसी भी अधिकारी को रैंडम तरीके से अलॉट कर दी जाएगी जिससे अपील पर निर्णय करने वाले अधिकारियों की पहचान ज़ाहिर नहीं हो पाएगी। साथ ही करदाता को अधिकारी के दफ्तर में जाने और हाजिर होने की जरूरत भी खत्म हो गई है। इस नए सिस्टम में सारे कम्यूनिकेशन्स इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किए जाएंगे।

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अपील का फैसला और रिव्यू का काम एक अधिकारी के बजाय टीम किया करेगी। हालांकि, गंभीर फ्रॉड के मामलों, काले धन, अंतर्राष्ट्रीय टैक्स के मामलों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। वहीं संवेदनशील टैक्स मामलों की भी अपील संभव नहीं है। जानकारी के मुताबिक ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट में अपील टैक्सपेयर के राज्य में दाखिल होंगे।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के आंकड़ों के मुताबिक देश में मौजूदा समय में करीब 4.6 लाख अपील कमिश्नर स्तर पर विभाग में पेंडिंग है। इसमें से 4.05 लाख अपील यानी 88 फीसदी मामले फेसलेस असेसमेंट व्यवस्था के जरिए हल किए जाएंगे। इस काम के लिए विभाग के मौजूदा 85 फीसदी कमिश्नरों को लगाया जाएगा।

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