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फीस न देने पर टीचर ने दी तालिबानी सजा, 12 वर्षीय छात्र की मौत

Dead Body

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मथुरा थाना बलदेव क्षेत्र के गांव रदोई में प्राईवेट टीचर ने 12 वर्षीय बालक की ट्यूशन न आने पर पिटाई कर दी, जिससे बालक की तबीयत खराब होने पर परिजनों ने उसे उपचार के लिए प्राईवेट हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया था, जहां उसने बीतीरात दमतोड़ दिया है। परिजनों ने आरोपी टीचर के विरुद्ध पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने तहरीर लेकर घटना की जांच शुरू कर दी है।

दरअसल, जनपद मथुरा के बलदेव थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रदोई गांव का रहने वाला 12 वर्षीय शिवम गांव के ही रहने वाले केशव गौतम के यहां ट्यूशन पढ़ने के लिए जाता था. कुछ दिनों पूर्व शिवम की तबीयत बिगड़ गई जिसके चलते वह ट्यूशन नहीं जा पाया. जब उसकी हालत में सुधार आया तो शिवम 29 अगस्त को केशव के यहां कुशन पढ़ने के लिए गया।

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आरोप है कि इस दौरान केशव ने शिवम से इतने दिनों तक ट्यूशन न आने के साथ ही समय पर फीस न देने का कारण पूछा इस पर शिवम ने कहा कि फीस पिताजी देंगे और मेरी तबीयत खराब थी इसलिए मैं इतने दिन ट्यूशन नहीं आ पाया. इसके बावजूद भी आरोपी टीचर ने शिवम की जमकर पिटाई कर दी जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में परिजन शिवम को निजी अस्पताल में उपचार के लिए लेकर पहुंचे, लेकिन उपचार के दौरान शिवम ने दम तोड़ दिया।

परिजन भोलाराम ने बताया कि यह बच्चा गांव के ही रहने वाले केशव पुत्र श्यामवीर के यहां उनके घर पर ही यह ट्यूशन के लिए जाता था. 29 तारीख से पहले इसको बुखार आ गया था तो इसके पिता द्वारा इसका उपचार कराया गया। उपचार के दौरान जब यह दो-तीन दिन ट्यूशन नहीं गया तो 25 तारीख को इसका महीना ट्यूशन का पूरा हो जाता है, ट्यूशन ना जाने के कारण इसकी फीस भी ट्यूशन टीचर पर नहीं पहुंच पाई। उन्होंने कहा कि जब इसको आराम मिलता है तो जैसे यह ट्यूशन के लिए पहुंचता है तो केशव इससे पूछता है तू ट्यूशन क्यों नहीं आया था और फीस क्यों नहीं लेकर आया।

बच्चे ने कहा कि फीस पापा देंगे और दो-तीन दिन में इसलिए नहीं आ पाया क्योंकि मेरी तबीयत खराब थी. जिसके बाद केशव जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए बच्चे के साथ जमकर मारपीट करने लगा. हालत बिगड़ने पर हम बच्चे को आगरा लेकर पहुंचे। वहीं, गांव के प्रधान ने कहा था कि हम बच्चे का पूरा इलाज करा देंगे आप लोग टीचर के खिलाफ एफआईआर न करें। इसके चलते हमने आरोपी टीचर के विरूद्ध एफआईआर नहीं कराई। उन्होंने न ही इसका इलाज कराया और न ही एफआईआर होने दी. दो तीन अस्पतालों में बच्चे के उपचार के लिए लेकर घूमे, लेकिन इसकी जान नहीं बच पाई।

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