तहलका मैगजीन के संस्थापक और पूर्व एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल यौन उत्पीड़न के मामले में सभी आरोपों से बरी हो गए हैं। गोवा के एक सत्र अदालत में इस मामले पर फैसला सुनाया है।
तरुण तेजपाल पर साल 2013 में गोवा के एक होटल की लिफ्ट में महिला पत्रकार के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगा था।
यह है पूरा मामला
7 नवंबर 2013 को तरुण तेजपाल पर उनके ही जूनियर सहयोगी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। एक कार्यक्रम के दौरान गोवा के एक होटल की लिफ्ट में महिला पत्रकार के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप था। जिसके बाद 30 नवंबर 2013 को उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
इसी दौरान 20 नवंबर 2013 को तरुण तेजपाल ने तहलका के एडिटर-इन-चीफ पद से इस्तीफा दे दिया था। 23 नवंबर को गोवा पुलिस ने तेजपाल के खिलाफ रेप और उत्पीड़न का केस दर्ज किया और फिर 30 नवंबर 2013 को डिस्ट्रिक्ट और सेशंस जज अनुजा प्रभुदेसाई द्वारा अग्रिम याचिका खारिज होने के 90 मिनट के बाद तेजपाल गिरफ्तार हो गए।
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हालांकि 1 जुलाई 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त तेजपाल को जमानत दे दी थी। कोर्ट ने गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने की शर्त पर रिहा करने का आदेश दिया था।