कोर्ट कैम्पस में असलहा लाने पर रोक है तो फिर क्यो लेखपाल असलहा लेकर आये और अधिवक्ता पर हमला बोला। तहसील कर्मचारियों द्वारा लगातार जनता के शोषण की शिकायत मिल रही थी, तहसील के कर्मचारी तो अब अधिवक्ताओं से खुलेआम वसूली के लिए दबाव बनाते थे।
आज हुई घटना तहसील में फैले भ्रष्टाचार का उजागर करती है। उक्त बात जारी जारी प्रेस विज्ञप्ति में घटना की निंदा करते हुए पूर्व महामंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा ने कही।
श्री वर्मा ने आगे बताया कि आज दिनांक 30.10.2021 को तहसील नवाबगंज बाराबंकी में अधिवक्ता धर्मेंद्र वर्मा को लेखपाल चंद्र सेन कन्नौजिया ने अकारण पुरानी किसी बात को लेकर कई साथियों के साथ मिलकर लात घूसों से मारने लगे इतने पर अधिवक्ता देवेश तिवारी, आशीष विश्वकर्मा, दिनेश व अन्य आधिवक्ताओं को आता देख लेखपाल ने अपनी रिवाल्वर धर्मेंद्र की तरफ निशाना बनाकर फायर किया लेकिन सभी लोग बाल-बाल बच गये तब उसने जान से मारने की धमकी दिया, सूचना पाकर सैकडों अधिवक्ता तहसील पहुंचकर लेखपाल के खिलाफ गिरफ्तारी की मांग करते हुए रोड जाम कर दिया।
वकीलों और राजस्व कर्मियों के बीच जमकर हुई मारपीट, कई घायल
तब जिला बार के पदाधिकारी मौके पर जाकर मामले को शांत कराने लगे लेकिन अधिवक्तागण नही माने तब तक सीओ सदर सीमा यादव मौके पर पंहुचकर रिपोर्ट दर्जकर कार्यवाही करने का आश्वाशन दिया लेकिन अधिवक्तागण नही माने जब मु.अ.सं. 821/2021 अ. धारा 147, 148, 149, 323, 504, 506, 307 आईपीसी थाना कोतवाली नगर, बाराबंकी के नामजद अभियुक्त चन्द्रसेन कनौजिया लेखपाल ओबरी व 1 अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत हुआ तब जाम खुला।
इस सम्बंध में नरेन्द्र वर्मा पूर्व महामंत्री ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि वकील को कोर्ट कैम्पस में असलहा लाने पर रोक है तो लेखपाल व कर्मचारियों को रिवाल्वर लाने का परमीशन होने में सरकार की मंशा साफ नही है मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को ध्यान देना चाहिये।
लेखपाल के रिवाल्वर लाइसेंस सहित गिरफ्तारी की मांग किया, बाद में पता चला कि कुछ अज्ञात लोगों द्वारा तहसील में तोड़-फोड़ किया गया जिस पर जिला बार के महामंत्री ने तोड़-फोड़ करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने में जिला बार को कोई आपत्ति नही है, जिस पर तमाम अधिवक्ताओं को कष्ट हुआ तथा निंदा किया।