पटना। बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद भी राज्य में राजनीतिक हलचल पूरी तरह से अभी भी खत्म नहीं हुई है। महागठबंधन के नेता और विपक्ष की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने गुरुवार को अपने घर बैठक की है।
इस बैठक में 110 विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के साथ-साथ महागठबंधन का नेता भी चुन लिया और तेजस्वी यादव के नाम पर मुहर लगा दी। राबड़ी आवास पर हुई बैठक में राजद के साथ कांग्रेस और वामदल के विधायक मौजूद रहे। इस बैठक में राजद नेताओं के साथ-साथ पार्टी के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह, बिहार प्रभारी सचिव विरेंद्र सिंह राठौर भी शामिल रहे।
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इससे पहले कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की पटना स्थित पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में भी बैठक भी हुई। बैठक में नवनिर्वाचित विधायकों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। इस मौके पर पार्टी के वरीय नेताओं ने नवनिर्वाचित विधायकों के साथ मंत्रणा की। बैठक के दौरान नेताओं के चेहरे पर कम सीटों के कारण सरकार नहीं बना पाने का मलाल साफ तौर पर दिख रहा था।
राजद को एनडीए में है टूट की उम्मीद
कहा है कि चिंता मत करिए सरकार हमारी ही बनने जा रही है। बता दें कि तेजस्वी को उम्मीद है कि अभी एनडीए में टूट हो सकती है या फिर पदों को लेकर विधायकों के छटकने की उम्मीद है। ऐसे में तेजस्वी पूरी नजर बनाए हुए हैं कि बीजेपी के खिलाफ सहयोगी दलों की क्या प्रतिक्रिया है?
एनडीए को मिला पूर्ण बहुमत
बता दें कि बिहार चुनाव में एनडीए को 125 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिला है। वहीं महागठबंधन 110 सीटों के साथ बहुमत की रेस में पिछड़ गया है। ऐसे में अब उसे उम्मीद है कि एनडीए में कुछ भी खटपट होती है तो उसका फायदा महागठबंधन उठा सकता है। उसे मंत्रिमण्डल में जीतनराम माझी और मुकेश साहनी जैसे दलों के छिटकने की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है तो महागठबंधन खुद सरकार बनाने का प्रयास करेगा।