हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के लिए मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की है। ये मांग तेलंगाना जागृति के नेतृत्व में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की शतजयंती पर आयोजित कार्यक्रम में हुई है। इस कार्यक्रम में तेलंगाना जागृति की अध्यक्ष और निजामाबाद की पूर्व सांसद कल्वाकुंटला कविता ने ‘भारत रत्न’ देने की मांग की।
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टीआरएस नेता कल्वाकुंटला ने कहा, “पीवी नरसिम्हा राव ने एक ऐसे समय में प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, जब देश भारी संकट का सामना कर रहा था। उन्होंने भारत की विकास की कहानी को आगे बढ़ाया और राष्ट्र के हर एक नागरिक को सशक्त बनाया। यह समय है कि हम उनकी विरासत का सम्मान करें। उन्हें मरणोपरांत ‘भारतरत्न’ से नवाजा जाना चाहिए।”
पीवी नरसिम्हा राव की बेटी वाणी दयाकर राव ने भी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने तेलंगाना सरकार को नरसिम्हा राव की विरासत को गौरवान्वित करने के लिए धन्यवाद दिया। इस दौरान भारत रत्न की मांग करने वाले सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर दिया गया।
तेलंगाना जागृति ने पीवी नरसिम्हा राव की विरासत को याद करते हुए कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है। साथ ही तेलंगाना जागृति ने पीवी साहित्य की स्मृति में हर महीने ‘प्रचेना पुस्तकम’ और ‘नवेना पुस्तकम’ पुस्तकें प्रकाशित करने की घोषणा की है।
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नरसिम्हा राव का जन्म 28 जून 1921 को तत्काली हैदराबाद राज्य के वारंगल में हुआ था। आज ये तेलंगाना राज्य का हिस्सा है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बाद पीएम बने नरसिम्हा राव देश में गठबंधन सरकार चलाने वाले दूसरे प्रधानमंत्री थे और अल्पमत की सरकार होने के बावजूद उन्होंने देश में बड़े बदलाव किए और इसी कारण उन्हें भारतीय आर्थिक सुधार का जनक माना जाता है।
नरसिम्हा राव से पहले भारतीय लोकतंत्र के शीर्ष पद तक सिर्फ उत्तर भारतीय राजनीतिज्ञ ही पहुंचे थे। देश के प्रधानमंत्री बनने वाले वो दक्षिण भारत के पहले राजनेता थे। 1991 से 1996 के बीच वो देश के नौवें प्रधानमंत्री के तौर पर आसीन रहे। उन्होंने आर्थिक संकट से जूढ रहे देश को बुरी स्थिति से बाहर निकाला।