नई दिल्ली| दूरसंचार कंपनियों को अगले दौर की नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम के आधार मूल्य में अब भी कटौती की उम्मीद है। उद्योग संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने यह बात कही है। हालांकि, डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) बिक्री को पेश किए जाने वाले स्पेक्ट्रम के लिए कुल 5.22 लाख करोड़ रुपये की न्यूनतम कीमत तय कर चुका है।
सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उद्योग संगठन सरकार द्वारा राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी)-2018 में किए गए वादों को लेकर नियमित आधार पर जानकारी हासिल कर रहा है। सीओएआई के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
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दूरसंचार ऑपरेटर सरकार से इस नीति के तहत दो साल पहले किए गए वादों के अनुरूप शुल्कों में कटौती तथा स्पेक्ट्रम के मूल्य को तार्किक बनाने की मांग कर रहे हैं। दूरंसचार विभाग के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय डीसीसी ने मई में स्पेक्ट्रम नीलामी की योजना को मंजूरी दी थी, जिसपर केंदीय मंत्रिमंडल की मंजूरी ली जानी है।
हालांकि, दूरसंचार विभाग अब तक अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए अधिसूचना जारी नहीं कर पाया है। नीलामी के इस दौर में 5.22 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की बिक्री की जाएगी। कोचर ने कहा, ”डीसीसी की बैठक के बाद काफी पानी बह चुका है। सरकार के समक्ष कई तर्कसंगत दलीलें रखी गई हैं। सरकार ने हमारी दलीलों को खारिज नहीं किया है। न ही सरकार की ओर से मूल्य को लेकर कोई नोटिस जारी किया गया है।
दूरसंचार विभाग को अब स्पेक्ट्रम नीलामी की मंजूरी के लिए लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास जाना है। हालांकि, विभाग का अगला कदम क्या होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है। दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी रिलायंस जियो ने वार्षिक स्पेक्ट्रम नीलामी की नीति को रोकने को लेकर विभाग से सवाल किया है। जियो का कहना है कि देश में डेटा सेवाओं की मांग को पूरा करने के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी जल्द आयोजित की जानी चाहिए।