लखनऊ। नगर निकायों (Civic Bodies) के अध्यक्ष, पार्षद (Councilors) का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इसके लिए प्रमुख सचिव अमृत अभिजात (Amrit Abhijat) ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेज दिये हैं। शासन की ओर से जारी पत्र में लिखा है कि अधिकांश नगर निकायों में चुनाव के बाद 12 दिसम्बर 2017 को शपथ ग्रहण कराये गये थे और निकायों के बोर्ड का कार्यकाल पांच वर्ष निर्धारित है। इस कारण आपके जिले में जिन निकायों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनकी अंतरिम व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
पत्र में कहा गया है कि निकायों की कार्यावधि के उपरांत नगर आयुक्त, नगर निगम तथा अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत को निकायों के कार्य संचालन का दायित्व सौंप दिया जाए।
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निकायों की कार्यावधि की गणना उनके गठन के पश्चात शपथ ग्रहण की तिथि के उपरांत प्रथम बैठक की तिथि से की जाएगी। निकाय की कार्यकारिणी समिति बहुमत द्वारा नगर आयुक्तों या अधिशासी अधिकारियों को परामर्श दे सकेंगी एवं यह समिति नागरिकों के लिए दी जाने वाली नागरिक सुविधाओं का पर्यवेक्षण भी करेंगी।