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अब एक और युद्ध देखेगी दुनिया! इस देश में तख्तापलट से बिगड़े हालात

War

Terrible war may break out in Africa over Niger

अफ्रीकी देश नाइजर बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं। नाइजर आर्मी ने देश के राष्ट्रपति मोहम्मद बाजुम को बंदी बनाकर तख्तापलट की घोषणा कर दी थी। सेना अधिकारियों ने खुद टीवी पर आकर इसका का ऐलान भी किया था। इस घटने बाद दुनिया के कई देशों की इस पर प्रतिक्रिया आई और उन्होंने इसकी निंदा की। हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक नाइजर को लेकर अफ़्रीका में भयानक जंग (War) छिड़ सकती है।

तख्तापलट को लेकर पश्चिमी अफ्रीकी देशों के सेना प्रमुख आज (बुधवार) को बैठक भी चल रही है। पश्चिम अफ्रीकी राज्यों का आर्थिक समुदाय (ECOWAS) कि यह बैठक नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में हो रही है। इससे पहले बैठक में शामिल सभी देशों ने तख्तापलट करने वाले सैन्य अधिकारियों को राष्ट्रपति मोहम्मद बाज़ुम को रिहा करने का अल्टीमेटम दिया था।

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बताया जाता है कि पश्चिमी देशों को फ्रांस और अमेरिका का सपोर्ट मिलता है। नाइजर में हुए तख्तापलट को लेकर सेना प्रमुखों की हो रही इस बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। संभावनाएं जताई जा रहीं हैं कि तख्ता पलट के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का ऐलान किया जा सकता है।

अफ्रीकी देशों के गुटों को रूस और अमेरिका का साथ

अफ्रीकी देशों के बीच होने वाली इस जंग में रूस और अमेरिका एक बार फिर आमने-सामने है। नाइजीरिया की अगुवाई वाले पश्चिमी अफ्रीकी देशों के संगठन ECOWAS को अमेरिका और फ्रांस का समर्थन हासिल है। नाइजर पहले फ्रांस का उपनिवेश रहा था। अपने हितों की रक्षा के लिए फ्रांस ने भी नाइजर के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है। दूसरी तरफ़ नाइजर में तख्तापलट के बाद सत्ता की कमान संभाल रहे सैन्य शासक ने किसी भी विदेशी हस्तक्षेप का जवाब देने का ऐलान किया है। अल्जीरिया के सेना प्रमुख ने 1 अगस्त को मास्को में रूस के रक्षा मंत्री सरगे सोईगु से मुलाकात की है। नाइजर का साथ दे रहे इन देशों में रूस के वैगनर आर्मी के लड़ाके मौजूद है।

नाइजर में अमेरिका के कई बेस

अफ्रीकी देश नाइजर अमेरिका के लिए बहुत अहम देश माना जाता है। नाइजर में समय 800 से भी अधिक अमेरिकी सैनिक मौजूद है। इसके अलावा, दो अमेरिकी ड्रोन बेस भी यहां मौजूद हैं। इस कारण अमेरिकी नाइजर के समर्थन में खड़ा नजर आ रहा हैं। इसके अलावा माली, बुर्किना फ़ासो, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक और अल्जीरिया भी नाइजर का साथ दे रहा है। अमेरिका के अलावा फ्रांस के भी कई सैनिक नाइजर में तैनात हैं। तख्तापलट को लेकर कई अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदायों ने निंदा की है। वहीं, मामले को लेकर अल्जीरिया के सेना प्रमुख ने मास्को में रूसी रक्षा मंत्री से की है मुलाक़ात।

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