पटना। पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में पुलिस ने संभावित आतंकवादी मॉड्यूल (Terrorist Module) का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। गिरफ्तार किए गए दोनों कथित आतंकवादियों (Terrorists) में से एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन और दूसरा SIMI आतंकी संगठन का पूर्व सदस्य अतहर परवेज है। अतहर परवेज पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाके का आरोपी मंजर का सगा भाई है।
गिरफ्तार दोनों व्यक्ति का तार कई देशों से जुड़ा है। फुलवारी शरीफ ASP मनीष कुमार ने बुधवार को पत्रकारों को बताया, ‘सूचना मिली थी कि फुलवारी शरीफ के नया टोला स्थित अहमद पैलेस में मोहम्मद जलालुद्दीन जो झारखंड पुलिस से सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर हैं और अतहर परवेज मिलकर एक संगठन चला रहे हैं। यह लोग संगठन के माध्यम से समाज के अशिक्षित एवं गुमराह छात्रों को अपने संपर्क में लाकर उन्हें आतंकी गतिविधि की प्रशिक्षण देते थे।’
पुलिस ने बताया है कि यह दोनों संदिग्ध आतंकवादी पिछले कुछ समय से पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में आतंक की पाठशाला चला रहे थे। पुलिस के मुताबिक अतहर परवेज मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर मोहम्मद जलालुद्दीन के एनजीओ चला रहा था। जानकारी के मुताबिक अतहर ने ₹16000 किराए पर मोहम्मद जलालुद्दीन के फुलवारीशरीफ स्थित अहमद पैलेस, नया टोला इलाके में फ्लैट लिया था जहां से वह देश विरोधी मुहिम चला रहा था।
मार्शल आर्ट के नाम पर छात्रों का ब्रेनवाश करते थे
पुलिस से बचने के लिए इन्होंने पीएसआई एवं एसडीपीआई पार्टी के झंडे तले अपने काम को अंजाम देते थे। दोनों एक किराए की मकान में रहकर गुमराह छात्रों को मार्शल आर्ट एवं शारीरिक शिक्षा के नाम पर अस्त्र-शस्त्र की ट्रेनिंग देते थे। इसके अलावा धार्मिक उन्माद फैलाने और आतंकवादी गतिविधि करने के लिए उन छात्रों का ब्रेनवाश कर रहे थे। किसी बड़े आतंकी गतिविधि को अंजाम देने की तैयारी भी चल रही थी।
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अतहर परवेज पूर्व से ही SIMI का कार्यकर्ता है और आतंकी गतिविधि में इसकी संलिप्तता प्रकाश में आई है। इतना ही नहीं यह भी बताया जा रहा है कि पटना के गांधी मैदान में बम ब्लास्ट में गिरफ्तार आतंकवादियों के लिए बेलर का भी काम उसी ने किया था। पुलिस इनके पाकिस्तान सहित कई देशों से तार जुड़े होने की जांच भी कर रही है।
ED की मदद ली जाएगी
ASP मनीष कुमार ने बताया, ‘इन दोनों के पास केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु सहित कई राज्यों से छात्र प्रशिक्षण के लिए आ रहे थे। पुलिस अब इनके जड़ से उखाड़ने के लिए ED से भी मदद लेने जा रही है।’
पुलिस का मानना है कि प्रशिक्षण के लिए इनके पैसे की व्यवस्था पाकिस्तान सहित कई विदेशों से मिलती थी। ये फंडरेजर का भी काम करते थे। पुलिस को इनके पास से 14, 30 और 40 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन का भी प्रमाण मिला है। इसकी जांच की जा रही है।