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आतंकी मसूद अजहर के भाई ने कुछ इस तरह रची थी बड़े हमले की साजिश

abdul rauf asgar

abdul rauf asgar

नई दिल्ली। कुछ दिन पहले भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया। जम्मू कश्मीर के नगरोटा क्षेत्र में जैश ए मोहम्मद के चार आतंकी मार गिराए गए। पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआइ ने जैश-ए-मोहम्मद को पुलवामा हमले के पैमाने पर आत्मघाती हमले को अंजाम देने का काम दिया था, जिसके लिए सांबा सेक्टर में चार आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ करवाया गया था। 18 और 19 नवंबर को जम्मू क्षेत्र के नगरोटा के पास सुरक्षा बलों द्वारा चार आतंकी एक मुठभेड़ में मारे गए थे।

समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पुलवामा में बड़े पैमाने पर आतंकी हमले को अंजाम देने का जिम्मा पाकिस्तान सेना की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस द्वारा मौलाना मसूद अजहर के नेतृत्व वाले जैश-ए-मोहम्मद को दिया गया था। जिसमें उसका भाई अब्दुल रउफ असगर का प्रमुख हाथ था। उसने भारतीय सीमा के पास पाकिस्तान के जैश के शकरगढ़ कैंप से चार जिहादियों का चयन किया था। हमले की योजना बनाने के लिए जैश में एक अन्य आतंकवादी काजी तरार को भी असगर के साथ सौंपा गया था।

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सूत्रों ने बताया कि बहावलपुर में जैश मुख्यालय में एक बैठक भी हुई और इसमें अब्दुल रउफ असगर, काजी तरार और आईएसआइ अधिकारियों समेत जैश के आतंकी नेटवर्क के मौलाना अबु जुंदाल और मुफ्ती तौसीफ भी शामिल थे।

आतंकवादियों ने प्राप्त किया था खास प्रशिक्षण

प्रारंभिक योजना के बाद जैश की शकरगढ़ यूनिट को आतंकवादियों के चयन और उनके प्रशिक्षण सहित अंतिम तैयारियों को पूरा करने का काम सौंपा गया था। चार आतंकवादियों ने आत्मघाती हमले का प्रशिक्षण प्राप्त किया और कश्मीर घाटी में भारतीय चौकियों को अधिकतम संभावित नुकसान पहुंचाने के लिए उपलब्ध गोलाबारी का उपयोग करने के लिए अभ्यास भी किया।

जैश के आतंकवादियों ने सांबा सेक्टर में भारतीय सीमा में घुसने के लिए नदी के किनारे के क्षेत्र में नाले के नेटवर्क का इस्तेमाल किया और जम्मू संभाग के कठुआ की ओर सांबा से जाटवाल छह किलोमीटर दूर एक ट्रक में ले जाया गया। सूत्रों ने कहा कि जैश की घुसपैठ की ज्यादातर कोशिशें इसी सेक्टर में इसी तरह के रास्तों का इस्तेमाल करते हुए रात के 3-4 बजे के आसपास की गई हैं।

बता दें कि पाकिस्तान के शकरगढ़ में जसीह आतंकी प्रशिक्षण शिविर हवाई दूरी के लिहाज से पिकअप प्वाइंट से लगभग 30 किलोमीटर दूर है।

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आतंकियों के पास से बरामद हुआ था हथियारों का जखीरा

जब जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने सुबह 4.45 बजे बान टोल प्लाजा के आसपास सैनिकों द्वारा ट्रक को रोक दिया गया, तो ट्रक चालक अंधेरे की ओर भाग गया, जबकि सेब के ट्रक में छिपे आतंकी घबरा गए और इसी दौरान मुठभेड़ शुरू हो गई और चार आतंकी मार गिराए गए थे। भारतीय जवानों ने उनके पास से 11 AK राइफल, 23 ​​मैगजीन, 29 ग्रेनेड, 10 अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर समेत सभी तरह के हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया था।

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