बलरामपुर। नेपाल सीमा से सटा उत्तर प्रदेश का बलरामपुर अपने राजनीतिक, संस्कृति और साहित्यिक गतिविधियो के चलते राष्ट्रीय क्षितिज पर ऊंचा मुकाम रखता है, लेकिन पिछले दिनो दिल्ली मे गिरफ्तार स्थानीय निवासी आतंकी अबु युसूफ उर्फ मुस्तकीम की करतूतों ने जिले के माथे पर एक बदनुमा दाग लगा दिया है जिसे लेकर यहाँ हर कोई शर्मसार नजर आ रहा है।
बीते शुक्रवार को दिल्ली मे गिरफ्तार आतंकी अबु युसूफ से पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि वह उतरौला तहसील के बढया भैसाही गाँव का रहने वाला है। गिरफ्तार आतंकी का जिले का होने की खबर होते ही लोग दहशत मे आ गये।घटना के छह दिन बीत जाने के बाद भी लोगो मे इस बात का मलाल है कि आतंकी ने जिले के माथे पर एक बदनुमा दाग लगा दिया है।
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राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से कोसो दूर बलरामपुर जिला अबु युसूफ उर्फ मुस्तकीम के कृत्य से शर्मसार हुआ है। राजनीति के क्षेत्र मे बलरामपुर जिले को राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी ने पहला चुनाव इसी संसदीय क्षेत्र से जीता था । इस कारण से बलरामपुर को स्वर्गीय बाजपेयी की कर्म स्थली के तौर पर भी जाना जाता है।
वरिष्ठ समाजसेवी नानाजी देशमुख और कांग्रेस की सुभद्रा जोशी को भी यहाँ की जनता ने चुनकर लोकसभा तक पहुंचाया है। साहित्य के क्षेत्र मे भी इस जिले को राष्ट्रीय ही नही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली हुई है। यहां जन्मे मशहूर शायर अली सरदार जाफरी को देश के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ हासिल हो चुका है। वहीं पद्मश्री बेकल उत्साही जैसी शख्सियत ने जन्म लेकर जिले का मान बढाया है।
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देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न,देश के सबसे बडे साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ और पद्मश्री पुरस्कार इस जिले को हासिल हो चुका है।
संस्कृति गतिविधियो मे भी यह जिला अव्वल रहा है। छोटी काशी के नाम से विख्याल बलरामपुर मे आज भी सभी त्त्योहार हिन्दु मुस्लिम मिल कर एक साथ मनाते है। जिले की दो रियासते बलरामपुर और उतरौला का योगदान सामाजिक सौहार्द के तौर पर आज भी अतुल्यनीय है। होली, दीपावली, दशहरा से लेकर ईद और मोहर्रम के मौको पर आज भी हिन्दू मुसलमान बराबर शरीक होकर सामाजिक सौहार्द के मशाल को जलाए हुए है।
उतरौला कोतवाली क्षेत्र के बढया भैसाही गाँव निवासी अबु युसूफ उर्फ मुस्तकीम के करतूतो ने जिले की सदियो पुरानी राजनीतिक,सामाजिक और साँस्कृतिक तानेबाने को चकनाचूर कर रखा दिया है। बीते दिनो आतंकवादी गतिविधियो के आरोप मे गिरफ्तार उसकी करतूतों पर उसकी पत्नी आयशा ने खुद मोहर लगा दी है।पत्नी आयशा ने बताया कि उसने बच्चो के भविष्य का हवाला देकर कई बार मुस्तकीम को गलत काम से तौबा कर लेने की नसीहत दी थी लेकिन उसका जुनून पत्नी,छोटे छोटे बच्चो और बूढे बाप का बुढापा भी उसे आतंक की राह पर चलने से नही रोक सका।तब से यह जिला सुर्खियो मे है। जिले मे हर कोई खौफजदा है।
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वरिष्ठ अधिवक्ता शिवरतन लाल एडवोकेट कहते है कि यह जिले मे अब तक की पहली घटना है। जिसके चलते इस जिले का नाम आतंकवादी गतिविधियो मे शामिल रहने वालो मे शरीक हो गया है। बलरामपुर जिले का इतिहास हमे सौहार्द और भाई चारे का संदेश देता आ रहा है।लेकिन इस जिलो को आखिर किसकी नजर लग गई है? युसूफ उर्फ मुस्तकीम की गिरफ्तारी के बाद बढया भैसाही गाँव मे मीडिया का आवागमन बढ गया है।हजारो की आबादी वाले इस गाँव मे शायद ही कोई हो जो इस पूरे मामले पर कुछ कहता मिले। आतंकी के पिता से लेकर हर कोई बस यही कह रहा है कि मुस्तकीम की करतूत ने उसकी मिट्टी को शर्मसार कर रख दिया है।