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सरकार के खिलाफ बोलने वाला आतंकवादी, संयुक्त सत्र बुलाया जाए : राहुल गांधी

राहुल गांधी Rahul Gandhi

राहुल गांधी

नई दिल्ली। कृषि कानूनों और किसानों के समर्थन में गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला। हालांकि दिल्ली पुलिस ने बीच में प्रियंका गांधी और कांग्रेस नेताओं को रोक दिया और उन्हें हिरासत में ले लिया। वहीं राष्ट्रपति से राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी और गुलाब नबी आजाद ने मुलाकात की है । प्रियंका गांधी समेत दूसरे कांग्रेस नेताओ को मंदिर मार्ग थाने में रखा गया था, हालांकि अभी उन्हें हिरासत से छोड़ दिया गया है।

चीन अभी भी भारत की सीमा पर है। चीन ने हजारों किलोमीटर की जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी क्यों नहीं बोलते हैं, वह चुप क्यों हैं? मार्च के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि देश में कोई लोकतंत्र नहीं है, ये सिर्फ कल्पना में हो सकती है लेकिन वास्तव में नहीं है। नेताओं को हिरासत में लेना इस सरकार के कार्यकाल में सामान्य बात है।

इस दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि पीएम मोदी क्रोनी पूंजीवादियों के लिए पैसा बना रहे हैं। जो भी उनके खिलाफ खड़ा होगा, उसे आतंकवादी बताया जाएगा, चाहे वह किसान हो, मजदूर हो या मोहन भागवत हों।

वहीं राहुल गांधी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को बताना चाहता हूं कि ये किसान तब तक नहीं उठेंगे, जब तक ये तीनों कानून वापस नहीं लिए जाएंगे। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाए और इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। विपक्षी पार्टियां किसान और मजदूरों के साथ खड़ी हैं।

ये कानून जबरदस्ती थोपे गए हैं। हमने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का ज्ञापन सौंप दिया है, इसमें करोड़ों किसानों के हस्ताक्षर सौंपे गए हैं। हमने राष्ट्रपति को बताया कि ये कानून किसान विरोधी कानून हैं। देश ने देखा है कि किसान इन कानूनों के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं। भारत के किसान त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।

सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाला देशद्रोही ः प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना पाप है, अगर सरकार उन्हें देशद्रोही कह रही है तो सरकार पापी है। प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि हम लोकतंत्र में रहते हैं और वो चुने गए सांसद हैं और उन्हें राष्ट्रपति से मिलने का अधिकार है। सरकार उन लाखों किसानों की आवाज सुनने को तैयार नहीं है।

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कभी-कभी वो लोग कहते हैं कि हम इतने कमजोर हैं कि हम विपक्ष की भूमिका भी ढंग से नहीं निभाते और कभी वो कहते हैं कि विपक्ष ने एकजुट होकर एक महीने से किसानों को एकजुट करके रखा है। पहले उन्हें निश्चय करना चाहिए कि हम क्या हैं?

इससे पहले प्रियंका गांधी ने दिल्ली पुलिस द्वारा रोके जाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी और कहा था कि इस सरकार के खिलाफ किसी भी विरोध का आतंक के तत्वों में वर्गीकृत किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि हम किसान के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च कर रहे हैं।

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