नई दिल्ली। कृषि कानूनों और किसानों के समर्थन में गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला। हालांकि दिल्ली पुलिस ने बीच में प्रियंका गांधी और कांग्रेस नेताओं को रोक दिया और उन्हें हिरासत में ले लिया। वहीं राष्ट्रपति से राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी और गुलाब नबी आजाद ने मुलाकात की है । प्रियंका गांधी समेत दूसरे कांग्रेस नेताओ को मंदिर मार्ग थाने में रखा गया था, हालांकि अभी उन्हें हिरासत से छोड़ दिया गया है।
#WATCH | You have an incompetent man who does not understand anything & running a system on the behalf of 3 or 4 other people who understand everything: Congress leader Rahul Gandhi pic.twitter.com/Ct3f7zTtjc
— ANI (@ANI) December 24, 2020
चीन अभी भी भारत की सीमा पर है। चीन ने हजारों किलोमीटर की जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी क्यों नहीं बोलते हैं, वह चुप क्यों हैं? मार्च के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि देश में कोई लोकतंत्र नहीं है, ये सिर्फ कल्पना में हो सकती है लेकिन वास्तव में नहीं है। नेताओं को हिरासत में लेना इस सरकार के कार्यकाल में सामान्य बात है।
PM Modi is making money for the crony capitalists. Whoever will try to stand against him will be called terrorist – be it farmers, labourers and even Mohan Bhagwat: Congress leader Rahul Gandhi pic.twitter.com/BnasthQBiX
— ANI (@ANI) December 24, 2020
इस दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि पीएम मोदी क्रोनी पूंजीवादियों के लिए पैसा बना रहे हैं। जो भी उनके खिलाफ खड़ा होगा, उसे आतंकवादी बताया जाएगा, चाहे वह किसान हो, मजदूर हो या मोहन भागवत हों।
#WATCH | China is still at the border. It has snatched away thousands of kms of the land of India. Why doesn't PM speak about it, why is he silent?: Congress leader Rahul Gandhi pic.twitter.com/rKYyqrzbnY
— ANI (@ANI) December 24, 2020
वहीं राहुल गांधी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को बताना चाहता हूं कि ये किसान तब तक नहीं उठेंगे, जब तक ये तीनों कानून वापस नहीं लिए जाएंगे। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाए और इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। विपक्षी पार्टियां किसान और मजदूरों के साथ खड़ी हैं।
#WATCH | There is no democracy in India. It can be in your imagination, but not in reality: Congress leader Rahul Gandhi on Delhi Police taking party leaders into custody during their march to Rashtrapati Bhavan pic.twitter.com/7oYfUDEkEM
— ANI (@ANI) December 24, 2020
ये कानून जबरदस्ती थोपे गए हैं। हमने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का ज्ञापन सौंप दिया है, इसमें करोड़ों किसानों के हस्ताक्षर सौंपे गए हैं। हमने राष्ट्रपति को बताया कि ये कानून किसान विरोधी कानून हैं। देश ने देखा है कि किसान इन कानूनों के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं। भारत के किसान त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।
सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाला देशद्रोही ः प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना पाप है, अगर सरकार उन्हें देशद्रोही कह रही है तो सरकार पापी है। प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि हम लोकतंत्र में रहते हैं और वो चुने गए सांसद हैं और उन्हें राष्ट्रपति से मिलने का अधिकार है। सरकार उन लाखों किसानों की आवाज सुनने को तैयार नहीं है।
Delhi Police take Priyanka Gandhi and other party leaders to Mandir Marg Police Station in New Delhi. https://t.co/YHBbXmF8nC pic.twitter.com/IDKwfV7N3a
— ANI (@ANI) December 24, 2020
कोरोना से ठीक होने के बाद भी शरीर में रह जाते हैं कुछ लक्षण
कभी-कभी वो लोग कहते हैं कि हम इतने कमजोर हैं कि हम विपक्ष की भूमिका भी ढंग से नहीं निभाते और कभी वो कहते हैं कि विपक्ष ने एकजुट होकर एक महीने से किसानों को एकजुट करके रखा है। पहले उन्हें निश्चय करना चाहिए कि हम क्या हैं?
Delhi Police take Priyanka Gandhi and other Congress leaders into custody.
They were taking out a march to Rashtrapati Bhavan to submit to the President a memorandum containing 2 crore signatures seeking his intervention in farm laws issue. https://t.co/YHBbXmF8nC pic.twitter.com/SBB8BwyJ1P
— ANI (@ANI) December 24, 2020
इससे पहले प्रियंका गांधी ने दिल्ली पुलिस द्वारा रोके जाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी और कहा था कि इस सरकार के खिलाफ किसी भी विरोध का आतंक के तत्वों में वर्गीकृत किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि हम किसान के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च कर रहे हैं।