नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर रविवार शाम भारतीय सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस दौरान बताया गया कि, हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चुन-चुनकर आतंकियों को ढेर किया और पाकिस्तान के आतंकी हमलों को नाकाम किया। साथ ही बताया कि लाहौर में मौजूद रडार सिस्टम को भी उड़ा दिया गया। इसके साथ ही ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान पाकिस्तानी सेना के 35-40 जवान भी मारे गए।
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, आप सभी अब तक उस क्रूरता और नृशंस तरीके से परिचित हो चुके हैं, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई। पहलगाम के भयावह दृश्यों और परिवारों के दर्द को देखने के बाद निहत्थे नागरिकों पर हाल ही में हुए कई अन्य आतंकवादी हमलों की याद भी आई। सेना जानती थी कि एक राष्ट्र के रूप में हमारे संकल्प को दिखाने और एक दमदार बयान देने का समय आ गया है।
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की अवधारणा आतंक के अपराधियों और साजिश रचने वाले लोगों को दंडित करने और उनके आतंकी ढांचे को नष्ट करने के स्पष्ट सैन्य उद्देश्य के साथ की गई थी। भारत आतंक को नहीं सहने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
उन्होंने आगे बताया कि, 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और 100 से ज्यादा आतंकी ढेर हुए हैं। इसमें कंधार हाईजैक और पुलावामा अटैक में शामिल यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक और मुदस्सिर अहमद जैसे आतंकी भी शामिल हैं। इसके साथ ही, सेना के अधिकारयों ने तस्वीरों के साथ विस्तार से बताया कि स्ट्राइक से पहले के हालात कैसे थे और सेना की कार्रवाई के बाद का मंजर कैसा है। उन्होंने बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से कुछ आतंकी ठिकाने खाली हो गए। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के लिए सोच-विचार कर नौ आतंकी शिविरों को हमले के लिए चुना गया। 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए।
भारत की गोलाबारी में मारे गए पाकिस्तानी सेना के 35-40 जवान
9 और 10 मई की रात को भी पाकिस्तान ने एयरफील्ड और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की। थलसेना और वायुसेना की समेकित वायु रक्षा प्रणाली की वजह से हर हमले को नाकाम कर दिया गया। भारत की गोलाबारी में पाकिस्तान की सेना के 35-40 जवान मारे गए।