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इस दिन से शुरू हो रहा है आषाढ़ माह, जानें क्‍या करें और क्‍या नहीं

Ashad Maas

Ashad Maas

आषाढ़ का महीना (Ashad Maas)  भगवान विष्णु को समर्पित है। यही वह महीना है जब जगत के पालनहार भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी के दिन से 4 महीने के लिए निद्रा में चले जाते हैं। देवशयनी एकादशी के बाद शादी विवाह जैसे कोई मांगलिक कार्य भी नहीं किए जाते। हालांकि श्री हरि का पूजन इस दौरान शुभ फलदायी माना गया है।

कब शुरू होगा आषाढ़ माह (Ashad Maas) 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह साल का चौथा महीना है। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी इस माह का विशेष महत्व है। इस साल आषाढ़ माह (Ashad Maas)  23 जून से शुरू होगा और 21 जुलाई को खत्म होगा।

मान्यता है कि आषाढ़ माह (Ashad Maas) में भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी का पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही इस माह में दान-धर्म का भी विशेष महत्व है। आषाढ़ माह में भगवान सूर्य देव के पूजन से रोग से भी मुक्ति मिलती है।

आषाढ़ माह (Ashad Maas) में क्या ना करें

– आषाढ़ माह (Ashad Maas) में शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
– इस माह बासी खाना खाने से बचना चाहिए।
– आषाढ़ माह (Ashad Maas) में जल का अपमान करना अशुभ माना गया है। इस समय पानी की बर्बादी करने से बचें।
– आषाढ़ माह (Ashad Maas) में तामसिक चीजें जैसे शराब और मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

क्‍या रखें नियम

अषाढ़ माह (Ashad Maas) में तर्पण, स्नान और दान करना शुभ माना गया है। इससे पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।
अषाढ़ माह (Ashad Maas) में पूजा-पाठ और हवन करना चाहिए।

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