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अधिकारी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज

Bail application rejected

Bail application rejected

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नगर पंचायत मनियर, बलिया की अधिशाषी अधिकारी मणि मंजरी राय को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपी नगर पंचायत मे कंप्यूटर आपरेटर अखिलेश कुमार और ड्राइवर चंदन कुमार वर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

न्यायालय ने कहा है कि आरोपियों ने ऐसी परिस्थिति पैदा कर दी कि अकेली रह रही महिला अधिकारी के पास आत्महत्या को मजबूर होना पडा। कंप्यूटर आपरेटर ने राय के फर्जी हस्ताक्षर बनाये और ड्राइवर ने सेल्फी व चैटिंग की सूचना देकर आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नही छोडा।

हाईकोर्ट ने कहा कि पर्याप्त सबूतो के साथ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। ये जमानत पर छोडे जाने के हकदार नही है। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने दिया है।

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इसी मामले में आरोपित चेयरमैन भीम गुप्ता को पहले की जमानत मिल चुकी है और अन्य आरोपी लिपिक विनोद गुप्ता की भी जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है।

गौरतलब है कि छह जुलाई 2020 को नगर पंचायत मनियर की ईओ रही मणि मंजरी राय का शव बलिया कोतवाली स्थित आवास विकास कालोनी में पंखे के हुक से लटकता पाया गया था। घटना के बाद भाई विजयानंद राय की कोतवाली में दी गई तहरीर में नगर पंचायत मनियर के चेयरमैन भीम गुप्ता, लिपिक विनोद सिह, कंप्यूटर आपरेटर अखिलेश कुमार, चालक चंदन कुमार व सिकंदरपुर के ईओ संजय राव सहित ठेकेदारों को आरोपित किया गया है। कंप्यूटर आपरेटर व चालक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था जबकि सिकंदरपुर ईओ के खिलाफ सबूत न मिलने पर केस से अलग कर दिया था।

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चेयरमैन भीम गुप्ता ने कोर्ट में समर्पण किया था। लिपिक विनोद सिंह हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत लिए थे लेकिन हाईकोर्ट की अवधि समाप्त होने के बाद दोबारा दी गई अर्जी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद आरोपितों की परेशानी एक बार फिर बढ़ते हुए दिख रही है।

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