नई दिल्ली। केंद्र सरकार न्यूनतम मजदूरी की ऊपरी सीमा तय करने पर विचार करेगी। उद्योग जगत ने सरकार को इस बारे में अपने सुझाव दिए हैं कि मजदूरी की न्यूनतम सीमा भले ही अलग राज्यों में वहां के हिसाब से रखी जाए लेकिन इसकी ऊपरी सीमा तय करने के लिए जरूर व्यवस्था बनाई जाए।
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उद्योग जगत में इस बात को लेकर भी सहमति बन गई है कि अगर सरकार सभी कैटेगरी के कर्मचारियों को 5 साल के बजाए 1 साल में ही ग्रेच्युटी देना चाहती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। पूरे देश में इस साल सितंबर से न्यूनतम मजदूरी कानून लागू किया जा सकता है। केंद्र सरकार पिछले साल संसद से पास हुए कोड ऑन वेजेज बिल यानि मजदूरी संहिता विधेयक 2019 को कानूनी रूप देने में जुटी है।
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सरकार ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि इस न्यूनतम मजदूरी के मसौदे पर यदि किसी को आपत्ति है तो उसे 24 अगस्त तक दर्ज कराया जा सकता है। इसी क्रम में उद्योग जगत से जुड़े हितधारकों ने अपने सुझाव सरकार को भेजे हैं जिनपर सरकार विचार करेगी।