बाकू, अजरबैजान। आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच चल रही भयानक लड़ाई के चलते लोगों को काफी नुकसान पहुंचाया है। यह लड़ाई नार्गोनो और कराबाख के मालिकाना हक को लेकर चल रही है। इस इलाके का इतिहास भी काफी खून-खराबे वाला रहा है। दोनों देशों के बीच यह संघर्ष 1990 से चल रहा है और अबतक 6 लाख लोग बेघर होकर यहां से जा चुके हैं। नार्गोनो और कराबाख पर आर्मेनिया का कब्जा है। इस बार इस जगह को लेकर करीब डेढ़ माह तक चली। रूस की मदद से यह लड़ाई पर विराम लगाया गया है, फिर भी दोनों तरफ की सेनाएं और राजनेता इस बात को कहने से नहीं चूक रहे हैं कि ये युद्ध विराम केवल अस्थाई तौर पर है। इस युद्ध ने यहां के बसे-बसाए इलाकों को उजाड़ कर रख दिया है। अघदाम इन्हीं में से एक इलाका है। यह इलाका कभी 50 हजार लोगों से गुलजार रहता था। लेकिन अब यह पूरी इलाका वीरान हो चुका है। सारी सड़कें खाली पड़ी हैं, सभी बाजार सूनसान हैं और मकान टूटे पड़े हैं। यह भयानक हालात इस जगह की बर्बादी को बयां करता है।
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वापसी की राह तलाश रहे लोग
नार्गोनो-कराबाख से दूर होकर जीवन जीने वाले लाखों लोगों अपनी वापसी का इंतजार है। ये लोग वापस अपने घरों में लौटना चाहते हैं, लेकिन हालात के कभी भी बेकाबू होने की आशंका के डर से ये ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। अघदम 62 वर्षीय आदिल का होम टाउन है। 1992 में नार्गोनो-कराबाख को लेकर जब अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच संघर्ष हुआ तो उन्होंने इस जगह को हमेशा के लिए छोड़ दिया और अजरबैजान की राजधानी बाकू आ गए। यहां आने के बाद भी आदिल का दिल अपने गृह नगर के लिए मचलता ही रहता है।