नई दिल्ली| कोरोना ने दुनिया के सभी देशों की आर्थिक मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आर्थिक रूप से मजबूत और विकसित कहे जाने वाले देशों की हालत ज्यादा खराब है। कोरोना संकट की वजह से इस साल के अंत तक वैश्विक कर्ज बढ़कर 277 खरब डॉलर का हो जाएगा। इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस (आईआईएफ) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
हैसियत से 400 गुना से ज्यादा कर्ज
- 432 गुना पहुंचा विकसित देशों पर कर्ज उनकी जीडीपी का
- 250 गुना पहुंचा उभरती अर्थव्यवस्था पर कर्ज उनकी जीडीपी का
व्यापार रिश्वत जोखिमों की वैश्विक सूची में 77वें स्थान पर भारत
किस पर कितना कर्ज
- 80 खरब डॉलर का कर्ज हो जाएगा अमेरिका पर साल के अंत तक
- 71 खरब डॉलर का कर्ज था पिछले साल अमेरिका पर
- 53 खरब डॉलर का कर्जदार हो चुका है यूरो क्षेत्र
- 1.5 खरब डॉलर का कर्ज बढ़ा इस साल यूरो क्षेत्र पर
रिपोर्ट के मुताबिक उभरती अर्थव्यवस्था में चीन, लेबनान, तुर्की और मलेशिया की हालत ज्यादा खराब है। इन देशों में गैर-वित्तीय क्षेत्र में कर्ज तेजी से बढ़ा है। इसके अलावा सरकारों और कंपनियों का राजस्व घटने से कर्ज चुकाने की क्षमता की कम हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संकट ने एक तरफ दुनियाभर की सरकारों और कंपनियों की कमाई घटा दी है। वहीं उन्हें कोरोना से लड़ने के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। इस वजह से दुनियापर कर्ज तेजी से बढ़ रहा है।