सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में लकड़ी के ठेकेदार रविंद्र यादव ने पुलिसकर्मियों की धमकी और फिर घर पर दबिश दिए जाने से परेशान होकर जहर खाकर अपनी जान (Suicide) दे दी।
यह मामला जिले के गागलहेड़ी थाने के मांडेबांस गांव का है। ग्राम प्रधान अब्दुल्ला तारिक ने गुरुवार को बताया कि इसी गांव के निवासी लकड़ी के ठेकेदार रविंद्र यादव (42 साल) पुत्र मंगल सिंह यादव ने गांव में तालाब के किनारे पूरण सिंह से यूकेलिप्टिस के दो और तून का एक पेड़ खरीदा था। रविंद्र ने अपने दो अन्य साथियों के साथ इन तीनों पेड़ों को कटवा दिया। उसी दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दी कि गांव समाज की जगह पर अवैध तरीके से पेड़ काटे जा रहे हैं।
तारिक ने बताया पुलिसकर्मियों ने कटे हुए पेड़ों को उठाने नहीं दिया और रविंद्र से कहा कि वे पूरण सिंह के साथ थाने आकर थानाध्यक्ष से मिलें। भयभीत रविंद्र जब थाने में नहीं गया तो अगले दिन पुलिसकर्मियों ने गांव पहुंचकर रविंद्र के साथ अभद्रता की और कार्रवाई की धमकी देते हुए उसे थाने में आने को कहा।
इससे परेशान होकर रविंद्र ने दीपावली के दिन जहर खा लिया। हालत खराब होने पर परिजनों ने गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रशासन की ओर से सहारनपुर सदर की नायब तहसीलदार मोनिका ने जिला अस्पताल जाकर रविंद्र के बयान लेने चाहे लेकिन बेहोशी की हालत में होने के कारण रविंद्र अपने बयान दर्ज नहीं करा पाया।
अगले दिन मंगलवार को जिला अस्पताल में ही उपचार के दौरान रविंद्र की मौत हो गई। परिजनों ने अधिकारियों से पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और शव को लेने से मना कर दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और कार्रवाई का भरोसा देकर परिजनों को समझा बुझाकर रविंद्र का पोस्टमार्टम कराया और शव का अंतिम संस्कार कराया।
सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. विपिन टाडा ने पूरे प्रकरण की जांच एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक को सौंपी है। सीओ सदर नीरज सिंह ने आज बताया कि मांगलिक ने जांच शुरू कर दी है और आज ही उन्होंने घटना स्थल का मुआयना कर मृतक के परिजनों से बात की। मांगलिक ने बताया कि वह जल्द ही अपनी जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंप देंगे।
ग्राम प्रधान अब्दुल्ला तारिक का कहना है कि जिस जमीन पर ये पेड़ लगे थे, वह तालाब के किनारे की जमीन है। संभवतः यह जमीन पूरण सिंह को अनुसूचित जाति कोटे से पट्टे के रूप में आवंटित है। सीओ सदर नीरज सिंह का कहना है कि मृतक रविंद्र पुलिस के बुलाने पर ना तो थाने आया और ना ही पुलिसकर्मियों ने उसका किसी तरह से उत्पीड़न किया। पूरी सच्चाई एसपी सिटी की जांच में सामने आएगी।