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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डाक्टरों का योगदान सबसे अहम : योगी

cm yogi

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चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की हौसलाफजाई करते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में चिकित्सा विशेषज्ञों, पैरामेडिकल स्टाफ, निजी अस्पतालों सहित स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है।

श्री योगी ने मंगलवार शाम चिकित्सा विशेषज्ञों एवं मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ संवाद-कार्यक्रम में कहा कि देश और समाज के हित में अपने जीवन की परवाह न करते हुए दायित्व निर्वहन करने का स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों का प्रयास प्रेरणास्पद है। उन्होने कहा “ कोविड की इस सेकेंड वेव की संक्रामकता से हम सभी परिचित हैं। यह वेव पिछली लहर से 30 से 50 गुना अधिक संक्रामक है। विद्वानों ने कहा है कि आपदा में धैर्य सबसे बड़ा मित्र होता है। हमें यह धैर्य बनाये रखने की जरूरत है। लोगों से संयम के लिए जागरूक करने की जरूरत है।”

उन्होने कहा कि यह समय मानवता को बचाने का समय है। हम किसी सामान्य फ्लू से नहीं, बल्कि महामारी से लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें सामूहिक प्रयास से ही जीत मिल सकती है। कोविड को हराने के लिए कोविड से 10 कदम आगे की सोच रखकर काम करना होगा। हर जिले में डायलिसिस के मरीजों की सुविधा में विस्तार हुआ है। निजी क्षेत्र को भी तैयारी करनी होगी। कुछ जिलों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा कोविड अस्पताल में राउंड न लेने की बात जानकारी में आई है। यह उचित नहीं है। अगर डॉक्टर ही डर जाएगा तो मरीज का क्या होगा। हमें इस बारे में सोचना होगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि साफ सफाई का विशेष महत्व है। अस्पतालों में इसे देखे जाने की जरूरत है। बेड शीट बदली जाए। रोगी को भोजन मिले। उसके साथ संवेदनशील व्यवहार हो। इस बार तीस से 50 गुना तेज संक्रमण है। हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। स्वास्थय संसाधनों में स्टैंड बाई व्यवस्था बनानी होगी। कार्मिक हों या अन्य संसाधन, सबका बैकअप रखना होगा। रिटायर्ड चिकित्सकों की सेवाएं ली जाएं। उनके अनुभव और ज्ञान हमें मजबूत ही करेगा।

उन्होने कहा कि एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी प्रकाश में आया है कि कुछ अस्पतालों में कार्मिकों द्वारा नियत दर से अधिक , मनमाने ढंग से शुल्क वसूला जा रहा है। आपदाकाल में यह निंदनीय है। इसकी भर्त्सना होनी चाहिए। डॉक्टर को भगवान का दर्जा है। हमें पीड़ित और उसके परिजनों की बद्दुआ नहीं लेनी चाहिए। मेरी सभी चिकित्सा संगठनों से अपील है, ऐसे लोगों की सार्वजनिक निंदा की जाए।

श्री योगी ने कहा कि कोविड की संक्रामकता को लेकर बीते कुछ दिनों से अच्छे संकेत मिल रहे हैं। स्वास्थ्य जगत के परिश्रम, टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की मदद से उत्तर प्रदेश की रिकवरी दर लागातर बेहतर हो रही है। 24 अप्रैल को जहां 38055 पॉजिटिव केस आये थे, वहीं 23231 की रिकवरी हुई थी। 25 अप्रैल को 35614 नए पॉजिटिव केस आये, जबकि 25635 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गए। 26 अप्रैल को को 33574 नए पॉजिटिव केस पाए गए, जबकि 26719 लोग उपचारित होकर ठीक हुए। इसी प्रकार आज 27 अप्रैल को 32994 नए कोविड केस आये, जबकि 30398 लोग स्वस्थ हुए। यह सुधार की दिशा में सुखद संकेत हैं।

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उन्होने कहा कि इस बार लखनऊ सर्वाधिक प्रभावित रहा है लेकिन बीते चार दिनों के आंकड़े बताते हैं कि इस शहर में हर दिन नए रोगियों की संख्या, ठीक होने वालों से कम रह रही है। उत्तर प्रदेश कोविड के खिलाफ लड़ाई में पूरी प्रतिबद्धता के साथ लड़ रहा है। कोविड की पहली लहर के अनुभवों से सीखते हुए स्वास्थ्य संसाधनों को प्राथमिकता के साथ बेहतर किया गया है। यह काम लगातार जारी है। हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। आज 116000 से अधिक एल-1 के बेड्स हैं तो एल-टू व एल-3 के 65000 से अधिक बेड हैं। हम इसे दोगुना करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसमें निजी क्षेत्र को जुड़ना पड़ेगा।

श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने अब तक चार करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट कर लिए हैं। बीते साल जब प्रदेश में पहला कोविड केस आया था, तब हमारे पास टेस्टिंग की क्षमता नही। आज उसी यूपी में सवा दो लाख टेस्ट हर दिन हो रहे हैं। जिस प्रदेश में जब पहला मरीज आया तो उसे बाहर भेज कर एडमिट कराना पड़ा था, आज वहां के अस्पतालों में 60,000 से अधिक मरीजों का इलाज हो रहा है। इस प्रदेश में 1 करोड़ 20 लाख वैक्सीनेशन डोज एडमिनिस्टर हो चुकी है। इन सभी कार्यों में सरकार के तंत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र ने पूरी तत्परता के साथ सहयोग किया है। इसके लिए उनका अभिनन्दन है। टेस्टिंग कैपिसिटी को बढ़ाने का काम हो रहा है। होगा। 10 मई तक दोगुनी हो जाएगी। निजी लैब से सहयोग की अपेक्षा है।

उन्होने कहा कि प्रदेश में इस समय 2.52 लाख लोग होम आइसोलेशन में हैं। हम इनसे लागातर संवाद में हैं। हर दिन जनपद स्तरीय आइसीसीसी इनका हाल चाल लेता है। इन्हें मेडिकल किट उपलब्ध कराई जा रही है। जिन्हें हॉस्पिटल की जरूरत है,उन्हें एडमिट कराया जा रहा है।

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