नई दिल्ली| कोविड-19 महामारी से जुड़े जोखिमों से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधारों से देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत होगी और इससे दीर्घावधि की वृद्धि सुनिश्चित होगी। वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की मासिक आर्थिक रिपोर्ट में कहा गया है, सभी अंशधारकों ने उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाकर अनुकूल नीतिगत वातावरण और पहल पेश की हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की क्षमता बेहतर हो सकेगी।
रिपोर्ट कहती है कि संक्रमण के लगतार प्रसार से लघु से मध्यम अवधि में वृद्धि दर के नीचे की ओर जाने का जोखिम है। इसी के मद्देनजर सरकार ने रणनीतिक तरीके से विभिन्न क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाया है।
कारोबारी धारणा में सुधार के प्रदर्शन में क्रमिक तेजी आने के दिये संकेत
रिपोर्ट में कहा गया है कि 17 से 30 सितंबर तक 14 दिन के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत कोविड-19 के मामलों में संभवत: अपने ‘पीक को पार कर गया है। इस अवधि में रोजाना के संक्रमण वाले मामलों का सात दिन का औसत 93 हजार प्रतिदिन से घटकर 83 हजार प्रतिदिन पर आ गया है।
वहीं इस दौरान रोजाना जांच का औसत 1.15 लाख से बढ़कर 1.24 लाख पर पहुंच गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी महामारी गई नहीं है, लेकिन अखिल भारतीय स्तर पर मामलों की संख्या में कमी से अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मोर्चों को आगे बढ़ाने का मंच तैयार हो चुका है।