लखनऊ। देश के सबसे बड़े अन्तर्राष्ट्रीय इन्क्यूबेशन केन्द्र की स्थापना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किये जाने की योजना है। यह केंद्र करीब ढाई लाख वर्गफुट क्षेत्र में निर्मित होगा।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि राज्य में स्टार्टअप नोडल एजेन्सी उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड ने इसके लिए अमौसी एयरपोर्ट के सामने भूमि पहले ही चिन्हित कर ली है। इस केन्द्र के निर्माण और परिचालन के लिए केन्द्र सरकार के उपक्रम साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क्स आफ इण्डिया (एसटीपीआई) के साथ बातचीत की जा रही है।
इस परियोजना में गति लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केन्द्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखकर इस बहु-प्रतीक्षित परियोजना के क्रियान्वयन में प्रदेश सरकार को सहयोग के लिये एसटीपीआई को निर्देशित करने का आग्रह किया है। इस सम्बन्ध में एसटीपीआई ने हाल ही में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण देकर परियोजना के आकार और अपनी योजना साझा की गई।
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अपर मुख्य सचिव,आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स आलोक कुमार ने बताया कि प्रस्तावित सुविधा को वैश्विक मानकों का पालन करते हुए प्लग एण्ड प्ले माडल पर विकसित किया जाएगा ताकि स्टार्टअप्स और इन्नोवेटर्स को उनके सपनों को साकार करने में मदद करने के लिए एक सर्व समावेशी ईकोसिस्टम उपलब्ध कराया जा सके।
यह विशाल इन्क्यूबेटर केन्द्र एक हब और स्पोक माडल पर काम करेगा जिसमें सबसे बड़ा इन्क्यूबेटर राज्य के अन्य सभी मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर्स तथा ई-प्रकोष्ठ के लिए हब के रूप में काम करेगा जो अपनी क्षमतावृद्धि और विकास के लिए केन्द्र से तालमेल करेंगे।
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सूत्रों ने बताया कि सरकार को नोएडा में आर्टीफिशिएल इण्टेलीजेन्स के क्षेत्र में उत्कृष्टता के केन्द्र की स्थापना के लिये भी एक प्रस्ताव आईआईटी कानपुर से प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश सरकार सोपान.2 और सोपान.3 के विभिन्न नगरों जैसे मेरठ,प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, बरेली तथा बुन्देलखण्ड में आईटी पार्क्स की स्थापना के लिए एसटीपीआई के साथ मिलकर काम कर रही है।
प्रयागराज आईटी पार्क अपनी पूर्ण क्षमता से कार्यशील होकर परिचालनरत है जबकि मेरठ आईटी पार्क विकास के अग्रिम स्तर पर है तथा नवम्बर 2020 तक कार्यरत हो जाने की सम्भावना है। आगरा तथा गोरखपुर में भी आईटी पार्क का निर्माण कार्य पूर्ण गति से चल रहा है और दिसम्बर 2020 तक पूर्ण होने की आशा है। ये पार्क्स इन्क्यूबेशन सुविधायें भी प्रदान करते हैं।
सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की स्टार्टअप नीति को स्टार्टअप रैंकिंग फ्रेमवर्क के अनुसार बनाने का कार्य प्रारम्भ किया था जिसके परिणामस्वरूप युवाओं के बीच उद्यमशीलता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की नई दृढ़ता और प्रतिबद्धता के साथ नवीन उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 प्रख्यापित की गई है।
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नई उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 का लक्ष्य आने वाले वर्षो में राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग में प्रदेश को प्रथम तीन राज्यों में प्रतिष्ठित करना है। स्टार्टअप संस्कृति के सृजन के लिए एक मजबूत बुनियादी ढाचा बनाने के लिए नीति में 2025 तक राज्य के प्रत्येक जिले में कम से कम एक सहितए 100 इन्क्यूबेटर स्थापित करने का भी लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि नई स्टार्टअप नीति में क्षेत्रीय असमानतों को दूर करने और समाज के कमजोर वर्गों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देकर उन्हें व्यवसायिक जगत की मुख्य धारा में लाने पर जोर दिया गया है। बुन्देलखण्ड तथा पूर्वांचल क्षेत्र से संचालित स्टार्टअप और इन्क्यूबेटर्स तथा दिव्यांगजनए महिलाओं तथा ट्रांसजेन्डर समुदाय के संस्थापकों, सह संस्थापकों वाले स्टार्टअप्स के लिए 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त प्रोत्साहनों का प्राविधान किया गया है।