कोरोना के नए वेरिएंट ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। इस बीच अब एक नयी मुसीबत धरती की तरफ बढ़ रही है। अंतरिक्ष से 330 मीटर बड़ा एस्टेरोइड जिसका नाम Nereus रखा गया है, पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। ये एस्टेरोइड एफिल टावर से भी बड़ा है। कहा जा रहा है कि ये एस्टेरोइड 4 मील प्रति सेकंड की रफ़्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। 11 दिसंबर तक इसके धरती के ऑर्बिट से टकराने की उम्मीद है।
नासा की रिपोर्ट्स के मुताबिक़, अगले हफ्ते इतना बड़ा एस्टेरोइड धरती से टकरा सकता है, जो भारी तबाही ला सकता है। नासा द्वारा की गई गणना के मुताबिक, ये एस्टेरोइड अगले हफ्ते तक धरती के ऑर्बिट से टकराएगा। ये पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजरेगा। इस दौरान अगर पृथ्वी की ग्रेविटी ने एस्टेरोइड को अपनी तरफ खींच लिया, तो धरती पर तबाही मच जाएगी। हालांकि, नासा का कहना है कि इसके चान्सेस काफी कम है।
नासा ने इस एस्टेरोइड का नाम 4460 नेरूस रखा है। ये एफिल टावर से बड़ा बताया जा रहा है। साथ ही ये पृथ्वी की तरफ चार मील प्रति सेकंड की रफ़्तार से बढ़ रहा है। नासा ने इसे खतरनाक की श्रेणी में रखा है।
हालांकि, ये एस्टेरोइड पृथ्वी से चांद की दूरी से 10 गुना ज्यादा दूर से गुजरेगा। फिर भी नासा ने इसे खतरा बताया है। जिस स्पीड से एस्टेरोइड पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है उस हिसाब से ये अगले हफ्ते तक ऑर्बिट के नजदीक पहुंच जाएगा।
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बता दें कि अगले हफ्ते पृथ्वी के ऑर्बिट तक आने वाले इस एस्टेरोइड को 28 फरवरी 1982 में एस्ट्रोनॉमर Eleanor F. Helin ने खोजा था। तभी से नासा और जापानी स्पेस एजेंसी JAXA इसपर नजर रखे हुए है। अब जब अगले हफ्ते ये पृथ्वी के नजदीक से गुजरने वाला है, तो सबके दिलों में खौफ देखने को मिलने लगा है।
खौफ की वजह इतिहास की घटना है जब एक एस्टेरोइड की ही वजह से पृथ्वी से डायनासोर खत्म हो गए थे। वैज्ञानिक ऐसी किसी अन्य घटना को होने से रोकने की पूरी कोशिश में जुटे हैं। इसी वजह से इस एस्टेरोइड पर ख़ास नजर रखी गई है।