विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसी साल मई में कोरोना (Corona) वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की श्रेणी से हटा दिया था, जिसके बाद पूरी दुनिया यह मान कर चल रही थी कोविड का अंत हो गया है। अब वायरस से जुड़ी एक नई जानकारी के मुताबिक दुनिया के हर हिस्से में कोरोना (Corona) वायरस अभी भी किसी ना किसी वेरिएंट में मौजूद है और इसका खतरा टला नहीं है।
हाल ही में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में एक व्यक्ति के स्वाब से डेल्टा का 113 बार म्यूटेंट वैरिएंट मिला है जिसे ओमिक्रॉन (Omicrone) से भी ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। हालांकि, इसके अभी तक कोई नाम नहीं दिया गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि कोई भी वायरस या स्ट्रेन जितना ज्यादा म्यूटेंट होगा उसका फैलाव भी उसी रफ्तार से होने की आशंका बनी रहती है, लेकिन इस म्यूटेंट से होने वाले खतरे को लेकर चिकित्सा जगत में बहुत स्पष्टता अभी नहीं दिखाई दे रही है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ शरद अग्रवाल ने इंडोनेशिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के इस म्यूटेंट को सामान्य और मानव जीवन के लिए कम खतरनाक बताया है, उनका मानना है कि वायरस जितना म्यूटेंट होगा, ये उतनी ही तेजी से लोगों में फैलेगा जबकि उसकी मारक क्षमता उतनी ही कम होगी, हालांकि उन्होंने लोगों से कोरोना के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल को फॉलो करने और सतर्क रहने की सलाह दी है।
विशेषज्ञ बोले- बेहद चौकन्ना की जरूरत
वहीं, फोर्टिस अस्पताल में हेमेटोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ राहुल भार्गव ने बताया कि ऐसे किसी भी वायरस से देश के लोगों को तब तक घबराने की जरूरत नहीं है जब तक यह वायरस हमारे वैक्सीन को मात ना दे दें। पिछले दो-तीन सालों में यह देखा गया है की कोविड-19 (Covid-19) का कोई भी वैरिएंट, चाहे वह डेल्टा हो, डेल्टा प्लस, omicron या फिर XBB1.16 हो, इसमें से किसी भी वैरिएंट ने हमारी वैक्सीन को मात नहीं दी है। हालांकि, इस बात को लेकर बेहद चौकन्ना होने की जरूरत है कि कहीं ऐसा न हो कि ये वायरस बिल्कुल ही नया स्वरूप लेकर फिर से पूरी दुनिया मे हाहाकार न मचा दे।