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‘लालटेन’ काल का अंधेरा अब छट चुका है, आकांक्षा अब लगातार बिजली और एलईडी बल्ब की है

पीएम मोदी का चला जादू PM Modi's magic

पीएम मोदी का चला जादू

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि श्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने असुविधा से सुविधा, अंधेरे से उजाले, अविश्वास से विश्वास और अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर एक लंबा सफर तय किया है जिसके कारण लोगों की अपेक्षाएं और आकांक्षाएं बढ़ी है, यही इस सरकार की बड़ी कामयाबी है लेकिन जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा और दलितों, पिछड़ों, वंचितों का हक भी हड़प लिया वे लोग बिहार की उम्मीदों को समझ नहीं पाएंगे।

श्री मोदी ने बुधवार को यहां राजग प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बीते डेढ दशक में श्री नीतीश कुमार के शासन में बिहार ने कुशासन से सुशासन की तरफ कदम मजबूत गति से बढ़ाएं हैं। राजग सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने असुविधा से सुविधा की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, अविश्वास से विश्वास की ओर, अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर एक लंबा सफर तय किया है लेकिन सुशासन और विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जब यह सुविधा सामान्य जन तक पहुंचती है तब उसमें और सुविधा के लिए आकांक्षाएं बढ़ती है। बीते सालों में देश और बिहार के युवाओं की यही आकांक्षा और अपेक्षा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि जो कभी वंचित था, अभाव में था और निराश था वह अब आकांक्षी बन गया है। यह बिहार की और राजग सरकार की बहुत बड़ी कामयाबी है। इसके लिए श्री नीतीश कुमार बधाई के पात्र हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि बिहार में बिजली की परिभाषा है जो आती कम है जाती ज्यादा है। उसी बिहार में ‘लालटेन’ काल का अंधेरा अब छट चुका है लेकिन बिहार की आकांक्षा अब लगातार बिजली और एलईडी बल्ब की है। उन्होंने कहा कि पहले अस्पताल में एक चिकित्सक का मिलना भी मुश्किल था अब

जगह-जगह चिकित्सा महाविद्यालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसी सुविधा की आकांक्षा है। पहले गांव-गांव में मांग थी कि किसी तरह खरंजा बिछ जाये, अब हर मौसम में बनी रहने वाली चौड़ी सड़कों की आकांक्षा है। पहले सामान्य रेलवे स्टेशन भी एक सपना था लेकिन अब रेलवे स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से जुड़ी रहे साथ हीं नए-नए रेलवे रूट शुरू किये जाए, इसकी भी आकांक्षा है।

श्री मोदी ने सवालिये लहजे में कहा कि बिहार के गरीब और मध्यम वर्ग की आकांक्षा कौन पूरी कर सकता है जिन्होंने बिहार को बीमार बनाया, बिहार को लूटा, क्या वह यह काम कर सकते हैं। जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों, पिछड़ों, वंचितों का हक भी हड़प लिया, क्या वे लोग

बिहार की उम्मीदों को समझ भी पाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं पूरे देश को भरोसा है कि उनकी आकांक्षाओं की पूर्ति यदि कोई कर सकता है तो वह सिर्फ और सिर्फ राजग ही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार आज जो चाहता है और बिहार के लोग जो चाहते हैं वह राजग के लिए संकल्प पत्र और शपथ पत्र की तरह है। आज बिहार के शहरों को बिहटा जैसा नया आधुनिक हवाईअड्डा चाहिए। पहले महात्मा गांधी सेतु की स्थिति सुधारने की मांग होती थी अब पूरे राज्य में ऐसी सुविधाओं की मांग होती है। पहले गंगा की स्वच्छता एक बड़ा

विषय था अब गंगा का पानी साफ हुआ ही है पटना में रिवर फ्रंट भी बन चुका है। मिशन डॉल्फिन का सबसे बड़ा लाभ पटना और आसपास के लोगों को होने वाला है । इसपर सैकड़ों करोड़ रुपए का खर्च होने वाला है, इससे रोजी-रोटी का लाभ होगा । उन्होंने कहा कि पहले पटना में रिंग रोड की मांग होती थी । अब रिंग रोड बना तो मेट्रो की मांग तेज हुई। आज पटना में मेट्रो पर काम चल रहा है तो दूसरे शहरों में भी ऐसी सुविधा की अपेक्षाएं बढ़ी है ।

श्री मोदी ने कहा कि एक समय था जब पासपोर्ट बनवाने के लिए पटना आने के सिवाय कोई चारा नहीं था लेकिन अब बिहार में 33 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र खुल चुके हैं। अब पासपोर्ट बनवाना और आसान हुआ है और यह मांग भी बढ़ी है कि अन्य शहरों में भी ऐसे सेंटर खोले जाएं । उन्होंने कहा, “बिहार के लोगों की अपेक्षाओं की पूर्ति अगर कोई कर सकता है यह आपको भी भरोसा है और देश को भी भरोसा है कि यह सिर्फ और सिर्फ राजग कर सकता है। आपकी अपेक्षाओं की पूर्ति राजग के द्वारा तय है । आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर बिहार के पीछे भी यही प्रेरणा है, यही प्रोत्साहन है। इस अभियान का सबसे बड़ा लक्ष्य देश के और बिहार के अपने सामर्थ्य को नई ऊर्जा देने का है। इस अभियान का लक्ष्य बिहार के युवाओं को नए अवसर देने का है, नए रास्ते दिखाने का है। इसके लिए सरकार दिन रात काम कर रही है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “बीते समय में शिक्षा से लेकर शासन तक, किसान से लेकर श्रमिक तक, ईज ऑफ लिविंग से इज ऑफ डूइंग बिजनेस तक के लिए अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं। आज साढ़े तीन दशक बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को मिल चुकी है । भाषा और अवसरों के अभाव के कारण बिहार के जो हमारे गरीब और वंचित छूट जाते थे उसको

भी इस शिक्षा नीति से सबसे ज्यादा लाभ होने वाला है। यही नहीं इस नई शिक्षा नीति में बिहार जैसे राज्यों में अंतरराष्ट्रीय संस्थान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षक के लिए भी एक खाका खींचा गया है । उन्होंने कहा कि पढ़ाई ही नहीं सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि यदि अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए इसी संसद के सत्र में आरक्षण को 10 साल के लिए आगे बढ़ाया है तो सामान्य वर्ग के गरीब को भी सामाजिक न्याय का हक है इसलिए उन्हें भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ग्रुप बी और ग्रुप सी की सेवाओं से साक्षात्कार को पहले ही खत्म कर दिया है । वह भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा मायाजाल था। उसे खत्म कर दिया गया है। अब एक और बड़ा महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था में भी अभुतपूर्व सुधार किये गये हैं । नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के तहत अब रेलवे, बैंक और अन्य सरकारी भर्तियों के लिए एक ही कॉमन एंट्रेंस एग्जाम की व्यवस्था की गई है। अलग-अलग परीक्षा की व्यवस्था खत्म होने से युवाओं की ऊर्जा, कोचिंग में लगने वाला धन और समय-परेशानी सब कुछ बहुत कम हो जाएगा । इससे भर्तियों में पारदर्शिता भी बढ़ेगी वरना पहले तो हर एक परीक्षा के लिए अलग फॉर्म भरना पड़ता था और यदि एक ही दिन दो परीक्षा हो जाये तो अभ्यर्थी के सामने संकट होता था कि वह किस परीक्षा में शामिल हों और किस में नहीं । यह सारी परेशानी अब खत्म कर दी गई है । अब अभ्यर्थी को परीक्षा के लिए दूर जाना भी नहीं पड़ेगा और उनके जिले में ही इसकी व्यवस्था मिल जाएगी ।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज आत्मनिर्भर बिहार के माध्यम से भाजपा और राजग नए रोजगार के निर्माण का रोड मैप रख रही है तो इसके पीछे इन्हीं सुधारों का आत्मविश्वास है । बिहार में आईटी हब बनने की पूरी संभावना है । यहां पटना में भी आईटी की बड़ी कंपनी ने अपना कार्यालय भी खोला है। केवल कार्यालय ही नहीं खुला है बल्कि बिहार के नौजवानों

के लिए नए अवसर के द्वार भी खुले हैं । बीते सालों में करीब 12 बीपीओ पटना,मुजफ्फरपुर और गया में खुल चुके हैं। इससे भी अनेक युवाओं को रोजगार मिला है।” उन्होंने कहा,“ मैं पटना और बिहार के लोगों से जानना चाहता हूं कि क्या जंगलराज में बिहार आईटी हब बनने का सपना भी देख सकता था । पुरानी चीजें याद करके एक बार जरूर अपने मन से सवाल पूछिए और मन में सोचिए कि जंगलराज के युवराज क्या वह बिहार को आईटी के

क्षेत्र में या आधुनिकता के किसी भी क्षेत्र में आगे ले जा सकते हैं। इसका जवाब मुझसे ज्यादा बिहार की जनता जानती है । उसने 15 साल तक जुल्म झेला है ।”

श्री मोदी ने कहा कि आज देश में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाने में उन लोगों की बहुत बड़ी भूमिका है जिन्हें जंगलराज के दौर में यहां से पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा । आज जब देश में नई टेक्नोलॉजी की क्रांति आ रही है तब बिहार का युवा अपने घर पर रहते हुए भी बहुत बड़ी भूमिका निभा सकता है । आज राजग सरकार का जोर रहा है कि सरकारी सेवाओं और सरकारी सुविधाओं से कोई क्षेत्र या कोई व्यक्ति छूट न जाए । इसके लिए ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है । पटना में ही शहरी गरीबों को 28000 पक्के घर टेक्नोलॉजी के उपयोग से स्वीकृत हुए हैं । आज वेतन हो या पेंशन, प्रमाण पत्र, छात्रवृत्ति, सब्सिडी या कर हो ऐसी सैकड़ों सुविधाएं, हर जानकारी फोन पर उपलब्ध है । पूरी सरकार लोगों की हथेली में है ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के गांव में खुले 34000 कॉमन सर्विस सेंटर सामान्य नागरिकों को सुविधाएं दे रहे हैं । आज व्यापार और कारोबार के लिए भी ज्यादातर अनुमति ऑनलाइन कर दी गई है । सिंगल विंडो की सुविधाएं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से समाज के हर क्षेत्र हर व्यक्ति को तेजी से लाभ सुनिश्चित होता है यह कोरोना काल में भी देखने को मिला है । यदि मोबाइल फोन को आधार और बैंक खातों से नहीं जोड़ा गया होता तो इस संकट काल में बिहार की गरीब बहनों के खाते में करोड़ों रुपए सीधे कैसे पहुंच पाते । यदि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को तकनीक से नहीं जोड़ा गया होता तो क्या बिहार के किसानों के बैंक खाते में हजारों करोड़ रुपए कैसे आते । श्रमिकों, संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, पेंशनधारकों और ऐसे अनेक लोगों को मदद नहीं मिलती । इस संकट में जनधन, आधार और मोबाइल की त्रिशक्ति न होती तो बिहार के लाखों गरीब परिवारों के हक का राशन पहले के 15 साल की तरह कोई हड़प लेता ।

 

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