उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक दलित किशोरी की हत्या कर शव गेहूं के खेत में फेंक दिया गया। किशोरी अपने ननिहाल में रह रही थी। वह रविवार दोपहर मवेशियों के लिए चारा लेने खेत में गई थी। परिवार के लोगों ने दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जताई है। देर शाम उसका शव मिलने के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो उठे।
ग्रामीणों ने पुलिस को शव उठाने नहीं दिया। पुलिस ने सख्ती की तो पथराव कर दिया गया। इसमें गंगीरी कोतवाल प्रमेंद्र सिंह का सिर फट गया। मान-मनौव्वल व कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद ग्रामीण शांत हुए। इसके बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जा सकी।
अकराबाद थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी बुजुर्ग विधवा अपने घर में अकेली रहती है। उसने 10 साल पहले अलीगढ़ शहर में रहने वाली अपनी 7 साल की नातिन को अपने पास रख लिया था। तब से वह नानी के पास ही रहती थी। वह बुजुर्ग को मम्मी कहती थी। रविवार की दोपहर वह अपने पशुओं के लिए चारा लेने खेत गई थी। जहां से वह शाम तक घर वापस नहीं आई तो महिला ने उसकी खोजबीन की।
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काफी तालाश के बाद किशोरी का शव एक खेत में अर्द्धनग्न हालत में पड़ा मिला। ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। प्रतीत हो रहा था कि उसकी गला दबाकर हत्या की गई है। सूचना पाकर अकराबाद पुलिस के साथ SSP मुनिराजजी, फॉरेंसिक टीम व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव उठाने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने प्रकरण के खुलासे की मांग पर अड़ गए।
पुलिस ने जबरन शव उठाने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ियों के आगे आग लगा दी और रास्ता रोक दिया। इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प होने लगी। इस पर कुछ ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इससे इंस्पेक्टर गंगीरी प्रमेंद्र कुमार घायल हो गए। किसी तरह पुलिस ने स्थिति संभाली। SSP ने केस के खुलासे के लिए 5 टीमें गठित की है। आशंका है कि किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई है।
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SSP मुनिराजजी ने बताया कि अकराबाद क्षेत्र के एक गांव में पुलिस को सूचना मिली थी कि एक लड़की का शव खेत में पड़ा हुआ है। शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत की पुष्टि होगी। जांच के लिए 5 टीमें गठित की हैं।