नई दिल्ली। यूलिप, एससीएसएस या फिर पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट को समयपूर्व बंद करना या बेचना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल उपरोक्त निवेशों को निर्धारित होल्डिंग अवधि से पहले समाप्त करने पर पूर्व की अवधि में की गई कटौती को प्लान की समाप्ति या बिक्री के पिछले वर्ष की आय के रूप में लिया जाता है और इस पर जमाकर्ता को टैक्स का भुगतान करना होता है।
उदाहरण के लिए एससीएसएस या पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट से जमाकर्ता के जीवनकाल के दौरान समयपूर्व (पांच साल से पहले) इसे समाप्त करने के मामले में निकासी पर प्राप्त राशि (ब्याज को छोड़कर जिसपर पहले ही टैक्स लग चुका है) पर निकासी के वर्ष में कर लगाया जाएगा।
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हालांकि, यूलिप, जीवन बीमा प्रीमियम, सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) में निवेश, एनएससी में निवेश, डाकघर समय जमा योजना में निवेश, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) में धारा 80 सी के तहत विभिन्न मदों के संबंध में आयकर छूट का दावा कर सकते हैं। अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक की अधिकतम कटौती का धारा 80सी के तहत दावा किया जा सकता है।
लेकिन, कुछ मामलों में धारा 80सी के तहत आयकर कटौती का दावा करने पर पहले कटौती के रूप में दावा की गई आय पर कर का भुगतान करना होगा। यदि आप यूलिप, एससीएसएस या फिर पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट को समयपूर्व बेच देते हैं या फिर समाप्त कर देते हैं तो इस पर आपको टैक्स अदा करना होगा।