मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, इसलिए गांवों की प्रगति के बिना प्रदेश और देश का सच्चा विकास संभव नहीं हैं।
श्री चौहान आज यहां मिंटो हाल में प्रदेश के गैर उपचुनाव वाले 33 जिलों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत 107 ग्रामीण पेयजल कार्यो का वीसी द्वारा भूमिपूजन कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी वास्तव में भारत की आत्मा कहीं बसती है, तो वो गांव में ही बसती है। ये बात सही है की शहरों का विकास हो रहा है। लेकिन आज भी असली भारत गांव में बसता है। गांव की प्रगति के बिना देश का विकास नहीं हो सकता।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हम नर्मदा का पानी पीते थे। हैंडपंप का पानी पीते थे। गर्मी में पानी सूख जाता था। नदी का, कुंओं का पानी पीने से बीमारियां भी होती थीं। इसलिये ज़रूरत ये थी कि हर घर में शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराया जाये। गांव में हैंडपंप गर्मियों सूख जाते हैं। बैलगाडियों से ट्रेक्टर ट्रॉलियों से बहनें पानी भरकर लाती थीं। मन में आता था कि वह दिन कब आएगा जब घर पर ही नल में पानी आएगा।
उन्होंने कहा कि जरूरत यह थी कि शुद्ध पीने का पानी घरों में उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि वे भी गांव में पैदा हुए, चिमनी-लालटेन में पढ़ाई करते थे, क्योंकि बिजली नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने गांव-गांव में हर घर को बिजली देना का अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि आज यह कहते हुए प्रसन्नता है कि गांव-गांव, घर-घर हमने बिजली पहुंचायी है।
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श्री चौहान ने कहा कि गरीबों को सस्ती बिजली मिले इसका अभियान हमने चलाया। वर्ष 2018 में बिजली के बड़े बिल हमने माफ किए, संबल योजना बनाकर गरीबों को अधिकतम 200 रुपए में बिजली देना का काम हमने शुरू किया। कुछ जगह बड़े-बड़े बिजली के बिल आ रहे थे। हमने वो बड़े-बड़े बिल स्थिगित कर दिए और ये सुनिश्चित किया कि बिजली का बिल गरीबों का ज्यादा न आये।