मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश के सपूतों के त्याग, कार्यों और गाथाओं की जानकारी युवा पीढ़ी को होना जरूरी है। देश की आजादी के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वालों की याद में देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में स्नेहिल संस्था की ओर से आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव राष्ट्रीय कला यात्रा के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि यह बातें कहीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्नेहिल स्मारिका का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का विकास मेरी अकेली यात्रा नहीं है, यह सामूहिक यात्रा है। इसमें सभी की सहभागिता जरूरी है। सरकार जनता के साथ साझीदार के रूप में कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड का 4 जुलाई को मुख्य सेवक बनने के बाद से मेरा यह प्रयास है कि हमारे आन्दोलनकारियों और शहीदों के सपनों के अनुरूप प्रदेश का विकास हो। इन 100 दिनों में प्रत्येक क्षण का सदुपयोग कर प्रदेशवासियों की सेवा करने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रहा हूं। समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर जन भावनाओं के हिसाब से राज्य सरकार कार्य कर रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्नेहिल संस्था की ओर से शहीदों और क्रांतिकारियों का कला एवं साहित्यिक गतिविधियों से स्मरण किया जा रहा है। यह एक सराहनीय प्रयास है। कला, साहित्य एवं संस्कृति मानव जीवन के अभिन्न अंग हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत शक्तिशाली, वैभवशाली और आत्मनिर्भर बन रहा है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक पटल पर भारत को एक अलग पहचान दिलाई है। देश में हर वर्ग को ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। देश तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानन्द, महात्मा गांधी , भगतसिंह, चंद्र शेखर आजाद, सुभाष चन्द्र बोस, खुदीराम बोस, सरदार पटेल, रानी लक्ष्मीबाई, सावित्री बाई फुले कनकलता बरुआ जैसे अनेक आंदोलनकारियों एवं क्रांतिकारियों की पेंटिंग का अवलोकन भी किया।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, भाजपा नेता बलजीत सोनी, स्नेहिल संस्था के संरंक्षक डॉ. आर.बी. सिंह, चौधरी अवधेश कुमार, स्नेहिल संस्था की अध्यक्ष डॉ. ममता सिंह, शशि, डॉ. राशि झा, डॉ. रामवीर सिंह, मंजुला सिंह, डॉ. चेतना पोखरियाल, डॉ. अलका मोहन शर्मा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।