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बांके बिहारीजी के दर्शन किये बिना ही वापस लौटे श्रद्धालु, 7 माह से कर रहे थे इंतज़ार

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मथुरा। सात माह बाद ठाकुर बांकेबिहारीजी का मंदिर दो दिन खुलने के बाद सोमवार को अनिश्चिकालीन बंद होने तथा श्रद्धालुओं को दर्शन न मिलने के कारण वृंदावन के वाशिन्दों ने रोष जाहिर करते हुए प्रदर्शन किया।

वहीं बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं ने मंदिर की देहरी पर मत्था टेककर स्वयं को धन्य माना। मंदिर खुलने के बाद शनिवार और रविवार को वृंदावन में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ थी, लेकिन सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम हो गई। इससे वहां के दुकानदार भी मायूस हो गए।

करीब सात माह बाद शनिवार को श्रीबांकेबिहारी मंदिर के पट भक्तों के लिए खोले गए थे। लंबी प्रतीक्षा बाद पट खुलने की सूचना मिलते ही गुजरात, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान के श्रद्धालु वृंदावन दौड़े चले आए। भक्तों के आगमन ने वृंदावन की रंगत ही बदल दी। हर तरफ चहल-पहल हो गई। खाली पार्किंग में वाहनों की कतार लग गई। बाजार में भी भक्तों की मौजूदगी से दुकानदारों के चेहरों पर खुशी के भाव पैदा हो गए। होटल आदि व्यापारी भी खुश थे। दो दिन की इस गहमागहमी को अचानक ब्रेक लग गया। 19 अक्तूबर को दर्शन बंद होते ही श्रीबांकेबिहारी मंदिर के आसपास गलियों में कुछ श्रद्धालु ही नजर आए। श्रद्धालुओं ने मंदिर की देहरी पर माथा टेका।  मंदिर के पट बंद होने से अंजान अनेक भक्त वृंदावन पहुंचे और देहरी छूकर वापस लौट गए। करीब सात माह बाद स्थानीय दुकानदारों को अच्छे कारोबार की उम्मीद बनी थी, जिसके एक बार फिर टूटने से वे निराश हो गए।

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अलीगढ़ से आए श्रद्धालु अभिषेक भारद्वाज ने बताया कि दर्शन के लिए आए थे, कोई बात नहीं। अब श्रीबांकेबिहारी के मंदिर के दर्शन करके वापस लौट रहे हैं। बहुत दिनों से ठाकुर जी के दर्शन नहीं किए हैं। अब भी मंदिर के बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

भीलवाड़ा से आई मीना शाहू ने बताया कि पता नहीं था कि सोमवार को श्री बांके बिहारी के दर्शन नहीं मिलेंगे। दर्शन की उम्मीद लेकर ही यहां आए थे। बिहारी जी से प्रार्थना करते हुए जा रहे हैं कि अपने दर्शन के लिए फिर जल्दी बुलाना।

वहीं सोमवार को बांकेबिहारी जी का मंदिर बंद होने पर मंदिर प्रशासन एवं जिला प्रशासन के खिलाफ समाजसेवी नेता ताराचंद गोस्वामी ने प्रदर्शन करते हुए बताया कि अगर सात माह बाद मंदिर खोलना तथा तो बंद क्यों किया और अगर मंदिर प्रशासन की व्यवस्थाएं दुरूस्त नहीं थी तो मंदिर क्यों खोला, ठाकुर बांकेबिहारी जी के भक्तों के दिलों पर आहत पहुंचाना मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन का ठीक नहीं, मंदिर को जल्द से खुलवाकर श्रद्धालुओं की आस्था का ध्यान रखा जाएगा।

बांकेबिहारी मंदिर खुलवाने को सन्त, भक्त व व्यापारियों ने की आवाज बुलंद, 48 घंटे में नहीं खुला मंदिर तो होगा आंदोलन

वृंदावन जग प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए कोरोनाकाल के चलते सात माह बाद खुलने के साथ ही दो दिन बाद पुनः बंद किए जाने से श्रद्धालु भक्तों के साथ साथ व्यापारी एवं अन्य समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

मंदिर को भक्तों के लिए जल्द से जल्द खोला जाए इसको लेकर आवाज बुलंद होने लगी है। इसी श्रृंखला में सोमवार को धर्म रक्षा संघ के तत्वावधान में बैठक का आयोजन किया गया। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के समीप वीआईपी रोड स्थित उदासीन अखाड़ा में आयोजित बैठक में उपस्थित सन्त,भक्त, व्यापारी एवं मंदिर से जुड़े लोगों द्वारा जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन से मांग की है कि शासन, साधक और दर्शनार्थियों के समन्वय से ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर को आम भक्तों के लिए खोला जाए। जिससे भक्तों के साथ साथ व्यापारी एवं अन्य लोगों को राहत मिल सके। साथ ही निर्णय लिया गया है कि 48 घण्टे में मंदिर नहीं खुला तो जन आंदोलन किया जाएगा।

 

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