मुंबई। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा कि मनसुख की रहस्यमय मौत निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उनके स्कॉर्पियो वाहन का इस्तेमाल मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास विस्फोटक रखने में किया गया था। उन्होंने कहा कि उनकी मौत का राजनीतिकरण करना और इसके लिए सरकार को घेरना गलत है। इस बात पर संदेह है कि मनसुख की मौत आत्महत्या थी या हत्या। मामले में वह महत्वपूर्ण गवाह थे।
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उन्होंने कहा कि गृह विभाग को जल्द से जल्द इस मामले के पीछे की सच्चाई का पता लगाना चाहिए। यह राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार की प्रतिष्ठा और छवि बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। बता दें कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि मामले की जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा से लेकर राज्य के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को सौंप दी गई है।
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भाजपा की मांग एनआईए करे जांच, राउत बोले- एटीएस सक्षम
बता दें कि विपक्षी दल भाजपा मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग कर रही है। इस पर राउत ने कहा कि मामला एटीएस को सौंपा गया है, जो इसे सुलझाने में सक्षम है। हमें विश्वास करना चाहिए।’ इस बीच, भाजपा नेता आशीष शेल्लार ने राज्य सरकार पर निशाना साधा और मनसुख के पोस्टमॉर्टम के समय ‘मुठभेड़ विशेषज्ञ’ सहायक पुलिस निरीक्षक की मौजूदगी पर सवाल उठाए।
‘पोस्टमार्टम के समय वहां मुठभेड़ विशेषज्ञ की मौजूदगी संदिग्ध’
आशीष सेल्लार ने कहा कि मनसुख के पोस्टमॉर्टम के वक्त मुठभेड़ विशेषज्ञ की मौजूदगी संदिग्ध है क्योंकि वह न तो ठाणे पुलिस में हैं, न ही एटीएस में, जो मामले की जांच कर रही है। इससे यह पता चलता है कि यह सरकार कुछ छिपाना चाहती है। शेल्लार ने पूछा कि गृह मंत्री, ठाणे और मुंबई पुलिस और उनकी उपलब्धियों की प्रशंसा कर रहे थे, लेकिन आधे घंटे में ऐसा क्या हो गया उन्हें जांच एटीएस को सौंपनी पड़ी?