एक महिला जब प्रेग्नेंट होती है तो तीसरे या चौथे महीने के बाद उसे अपने गर्भ में हलचल महसूस होती है। कई बार अचानक प्रेग्नेंट महिला के पेट में दर्द होता है तो कहा जाता है कि बच्चा पैर मार रहा है या फिर पलट रहा है। गर्भ के अंदर बच्चे का उलटना, पलटना, हिलना बाकि सब तो ठीक है, लेकिन क्या गर्भ के अंदर बच्चा रोता भी है?
वैज्ञानिकों का दावा है कि पेट के अंदर पल रहा बच्चा बाहर निकलने से पहले ही अपनी तैयारियां शुरू कर देता है। वैज्ञानिकों ने यह दावा यूट्रेस और भ्रूण की जांच करे के बाद किया है। आर्काइव्स ऑफ डिजीस इन चाइल्डहुड एंड नियोनेटल एडिशन जर्नल 2005 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने गर्भ में पलने वाले बच्चे की शक्ल का अल्ट्रासाउंड किया। अल्ट्रासाउंड के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि बच्चा गर्भ के अंदर ऐसे फेस एक्सप्रेशन दे रहा था, जैसे की वो रहा हो।
गर्भ के अंदर बच्चे के एक्सप्रेशन देखने के बाद वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर मौजूद बच्चे को कंपन और आवाज का सिमुलेशन दिया। गर्भ के अंदर बच्चे ने जैसे ही कंपन महसूस किया, उसने सबसे पहले अपने जबड़े चौड़े किए, फिर हाथों से ठुड्डी को छुआ और तीन बार लंबी सांसें ली, इसके बाद बच्चे का सीना फूलने लगा और सिर पीछे की तरफ लुढ़कने लगा। अंत में बच्चे की ठुड्डी पर कंपन महसूस की गई। डॉक्टरों ने करीब 60 बच्चों की स्कैनिंग की थी, जिसमें से 10 बच्चों ने इस तरह की हरकत की।
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वैज्ञानिकों का कहना है कि कोई भी बच्चा इस तरह की हरकतें तब करता है जब वह रोता है। वहीं, इस मामले पर स्टडी कर रहे इंग्लैंड स्थित डरहम यूनिवर्सिटी के डेवलपमेंटल साइकोलॉजिस्ट नाद्जा रीसलैंड के शोधकर्ताओं ने गर्भ में पल रहे बच्चे के मूवमेंट की 4डी अल्ट्रासाउंड इमेजिंग की। साथ ही 3डी फिल्म बनाई। ताकि चेहरे पर होने वाले बदलावों को देखा जा सके।
इस स्टडी में उन्हें दिखाई दिया कि बच्चे गर्भ के अंदर रोने जैसे एक्सप्रेशन देते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि गर्भ में पलने वाले बच्चे के चेहरे पर इस तरह के एक्सप्रेशन 24 से 35 हफ्तों में आने शुरु होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि बच्चा जन्म लेने से पहले ही रोने की प्रैक्टिस शुरू कर देता है।