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इस राज्य की पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा, जानिए सीएम की रणनीति

दिल्ली। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की पूरी कैबिनेट (Cabinet) ने इस्तीफा (Resign) दे दिया है। अब मुख्यमंत्री जगन रेड्डी (CM J Reddy) अपने मंत्रिमंडल का नए सिरे से गठन करेंगे। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने साल 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट में बदलाव का फैसला किया है। कैबिनेट की बैठक के बाद पहले चरण में 24 मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सौंपे। कैबिनेट में एकमात्र सीएम जगन रेड्डी ही बचे हैं, जिन्हें इस्तीफा सौंपा गया है।

मंत्रिमंडल में बदलाव किया जाना तय था, क्योंकि सीएम ने कहा था कि उनका आधा कार्यकाल पूरा होने के बाद वे अपनी टीम बदल देंगे। यह बदलाव दिसंबर 2021 में होना था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इसे टालना पड़ा।

मुख्यमंत्री ने बुधवार शाम राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात की और कथित तौर पर उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में बदलाव की जानकारी दी।

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बता दें कि मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने 2019 के विधानसभा में चुनाव में एकतरफा जीत हासिल करने के बाद ऐलान किया था कि वे अपने कार्यकाल के आधे समय में ही पूरी तरह से नई टीम का गठन करेंगे। अपने उसी ऐलान पर अमल करते हुए आंध्र सीएम ने कैबिनेट को भंग कर नए सरकार में नए चेहरों के आगमन के लिए रास्ता प्रशस्त कर दिया है।

सभी जिलों और समुदायों को मिलेगा प्रतिनिधित्व

मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने हाल ही में आंध्र प्रदेश में 13 नए जिलों का गठन किया था। इसके बाद राज्य में अब जिलों की संख्या 26 हो चुकी है। ताजा मंत्रिमंडल फेरबदल में हर जिला, हर जाति, क्षेत्र, धर्म के लोगों को जगह दी जाएगी। सीएम जहनमोहन रेड्डी ने कुछ ऐसा ही समीकरण 2019 में भी बनाया था। तब उन्होंने अपनी सरकार में पांच उपमुख्यमंत्री बनाए थे, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, कापू और मुस्लिम समुदाय से आते थे। इसके अलावा कैबिनेट में तीन महिलाएं भी शामिल की गईं थीँ। माना जा रहा है कि कैबिनेट का इस बार का स्वरूप भी कुछ ऐसा ही रहेगा।

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सीएम जगन का ये पहला कार्यकाल है। लिहाजा वे भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चलकर राज्य के हर वर्ग को साधऩा चाहते हैं। ताकि दिवंगत पूर्व सीएम और उनके पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी की तरह उनकी भी राज्य में मजबूत सियासी पकड़ कायम हो सके।

सरकार से हटाने के बाद संगठन में मिलेगी जिम्मेदारी

जगन सरकार के एक मंत्री ने बताया कि इसे खराब प्रदर्शन करने वाले मंत्री के खिलाफ हुई कार्रवाई के तौर पर देखना गलत है। ऐसा पहले ही तय हो चुका था। सरकार से हटने वाले मंत्री भी इसे जानते थे। सीएम जगन ऐसे मंत्रियों को अब संगठन में जिम्मेदारी देंगे। आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन में उनकी जिम्मेदारी काफी अहम हो जाती है।

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2019 में हासिल की थी एकतरफा जीत

राजनीति को विरासत में हासिल करने वाले वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने 2019 के विधानसभा चुनाव में विराट जीत हासिल की थी। उन्होंने 175 सीटों वाले आंध्र प्रदेश में 151 सीटें हासिल कर तब सत्ता पर काबिज टीडीपी को जोरदार पटखनी दी थी। जगन के इस जीत में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भी अहम भूमिका रही। बता दें कि आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ कराए जाते हैं।

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