पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कादिर खान का 85 वर्ष की उम्र में इस्लामाबाद के केआरएल अस्पताल में निधन हो गया।
कोरोना होने के बाद अब्दुल कादिर खान पिछले दिनों जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे। अब्दुल कादिर पर परमाणु तकनीक चोरी करने और उसे उत्तर कोरिया एवं अन्य देशों को बेचने के भी आरोप लगे थे। डॉ. अब्दुल कादिर खान के इलाज में लापरवाही एवं अनदेखी से निधन के बाद से पाकिस्तान के लोगों में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ आक्रोश व गुस्सा देखा जा रहा है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री परवेज खट्टक ने कहा कि उन्हें डॉ. अब्दुल कादिर खान के निधन पर ‘गहरा दुख’ हुआ है। यह पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा राष्ट्र के लिए उनकी सेवाओं का सम्मान करेगा। पाकिस्तान की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में उनके योगदान के लिए पूरा पाकिस्तान उनका बहुत ऋणी है। पाकिस्तान के ‘परमाणु जनक’ पाकिस्तान के योजना एवं विकास मंत्री असद उमर ने कहा कि देश को ‘अजेय’ बनाने में डॉक्टर खान की अहम भूमिका रही है। उन्होंने डॉ. अब्दुल कादिर खान की आत्मा की शांति के लिए दुआ की है।
डॉ. अब्दुल कादिर खान का जन्म स्वतंत्रता से पहले भारत के भोपाल में हुआ था और 1947 में भारत के विभाजन के बाद वो पाकिस्तान चले गये थे। पिछले महीने, डॉ. अब्दुल कादिर खान ने शिकायत की थी, कि न तो प्रधानमंत्री इमरान खान और न ही उनके किसी कैबिनेट सदस्य ने अस्पताल में इलाज के दौरान उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उसके बाद पाकिस्तानी जनता ने महान वैज्ञानिक की सुध नहीं लेने के लिए इमरान खान की जमकर आलोचना की थी।
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मौत के बाद ‘सम्मान देने पर पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि जब तक डॉ. अब्दुल कादिर खान जिंदा थे और अस्पताल में भर्ती थे, तब तक ना तो इमरान खान ने उनका हाल जानने की कोशिश की और ना ही उनके किसी मंत्री ने। अब जब उनका निधन हो गया है, तो इमरान सरकार के सारे मंत्री उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। डॉ. अब्दुल कादिर खान जब अस्पताल में भर्ती थे, तो उन्होंने एक वीडियो मैसेज जारी करते हुए इमरान सरकार पर अपनी अनदेखी का आरोप लगाया था।