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कब है भादो का पहला प्रदोष व्रत, जानें पूजन विधि व सामग्री लिस्ट

Shani Pradosh Vrat

Shani Pradosh Vrat

प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भगवान शिव को समर्पित है। हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। हर साल कुल 24 प्रदोष व्रत आते हैं। 20 अगस्त से भाद्रपद मास शुरू हुआ है। भाद्रपद मास के कृष्ण त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत में भगवान शिव व माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली लाते हैं। जानें भादो मास का पहला प्रदोष व्रत कब है-

भादो का पहला प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)  कब है-

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 31 अगस्त को देर रात 02 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी और 01 सितंबर 2024 को देर रात 03 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। भाद्रपद प्रदोष व्रत 31 अगस्त 2024, शनिवार को है। शनिवार के दिन प्रदोष व्रत होने के कारण शनि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है।

प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)  पूजन मुहूर्त-

प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। भाद्रपद प्रदोष व्रत की पूजा का समय शाम 06 बजकर 43 मिनट से रात 08 बजकर 59 मिनट तक है।

प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)  की पूजा सामग्री:

प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)  में शाम के समय की पूजा के लिए आक के फूल, बेलपत्र, धूप, दीप, रोली, अक्षत, फल, मिठाई और पंचामृत समेत सभी पूजा सामग्री एक थाली में रख लें।

प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)  की पूजाविधि:

– भौम प्रदोष व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें।

– स्नानादि के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें।

– मंदिर साफ करें और शिवजी की प्रतिमा के सामने दीपक प्रज्जवलित करें।

– शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। शिवजी की विधिविधान से पूजा करें।

– इसके बाद शाम को प्रदोष काल में शिवलिंग पर फिर से जलाभिषेक करें।

– भोलेनाथ को बेलपत्र,धतूरा और आक के फूल अर्पित करें।

– इसके बाद सभी देवी-देवताओं के साथ शिवजी की आरती उतारें।

भादो का दूसरा प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)  कब है-

भाद्रपद मास का दूसरा प्रदोष व्रत 15 सितंबर 2024 को रखा जाएगा। रविवार होने के कारण इस दिन रवि प्रदोष व्रत का शुभ संयोग बन रहा है।

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