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नए संसद भवन के शिलान्यास पर रोक नहीं, लेकिन फैसला आने तक निर्माण नहीं : सुप्रीमकोर्ट

New Parliament

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सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक हम कोई फैसला ना सुना दे, तबतक कोई निर्माण या कुछ भी तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि आपने प्रेस रिलीज जारी कर निर्माण की तारीख तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आगे इसपर कोई काम नहीं होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिलान्यास से हमें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन कोई निर्माण का काम आगे नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को कहा कि वो सरकार से पांच मिनट में निर्देश लेकर बताए कि आप निर्माण कार्य तो नहीं करेंगे। फिर सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि आगे कोई भी निर्माण या गिराने का काम नहीं होगा।

आपको बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नई संसद बननी है। इसकी आधारशिला देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को रखेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नया संसद भवन दुनिया की बेहतरीन इमारतों में से एक होगी, जिसे अगले 100 वर्षों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है।

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स्पीकर ओम बिड़ला ने बताया कि लोकतंत्र के मंदिर भारतीय संसद, जिसको सौ वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन अब आजाद भारत का हमारे द्वारा बनाए जाने वाले भवन का शिलान्यास तय हुआ है। इसका शिलान्यास 10 दिसंबर को 1 बजे प्रधानमंत्री द्वारा भूमिपूजन के साथ शुरू होगा। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए नए संसद की जरूरत थी।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन, कॉमन केंद्रीय सचिवालय और तीन किलोमीटर लंबे राजपथ को रीडेवलप किया जाएगा। साथ ही उपराष्ट्रपति के आवास को नॉर्थ ब्लॉक और प्रधानमंत्री के आवास को साउथ ब्लॉक के करीब शिफ्ट किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई, जिस पर सुनवाई चल रही है।

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